Hathras Case Update: युवती से हुआ था सामूहिक दुष्कर्म, चारों आरोपितों के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दाखिल
Hathras Case सीबीआइ ने हाथरस की विशेष न्यायालय अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति अधिनियम में दाखिल की दो हजार पेज की चार्जशीट। युवती के अंतिम बयान को बनाया आधार हमले की वजह से गई थी जांच। चारों आरोपितों के पॉलीग्राफ टेस्ट की रिपोर्ट भी कोर्ट में की पेश।
हाथरस, जेएनएन। UP, Hathras Case: उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले के चंदपा थानाक्षेत्र स्थित गांव बूलगढ़ी की युवती के साथ सामूहिक दुष्कर्म हुआ था। इसकी मौत भी हमले की वजह से हुई थी। इस बहुचर्चित कांड की सीबीआइ ने शुक्रवार को हाथरस के विशेष न्यायालय अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति अधिनियम में शुक्रवार को सीबीआइ की जांच अधिकारी सीमा पाहूजा ने चार्जशीट दाखिल कर दी है। दो हजार से अधिक पेज की इस चार्जशीट को दाखिल करने में तीन घंटे लगे। अब इस मामले की अगली सुनवाई चार जनवरी 2021 को होगी।
बूलगढ़ी कांड में 67 दिन से जांच में जुटी सीबीआइ ने मृतका के अंतिम बयान के आधार पर चार्जशीट तैयार की है। चारों आरोपित गांव के ही संदीप, रामू, रवि और लवकुश का कुछ दिन पूर्व ही पॉलीग्राफ व बीईओएस (ब्रेन इलेक्ट्रिकल ऑसिलेशन सिग्नेचर) टेस्ट गुजरात के गांधीनगर में कराया गया था, जिसकी रिपोर्ट भी कोर्ट को दी गई है। साथ ही लवकुश को बालिग माना गया है। अभी तक इसकी उम्र पर विवाद चल रहा था। चारों आरोपित अलीगढ़ जेल में हैं। युवती पर हमला 14 सिंतबर को हुआ था, जिसकी 29 सितंबर को मौत हो गई थी। इसके बाद देशभर में मचे हंगामे के बीच सरकार ने सीबीआइ जांच के आदेश दे दिए थे और टीम ने 11 अक्टूबर से जांच शुरू कर दी थी।
शुक्रवार को सीबीआइ की जांच अधिकारी सीमा पाहूजा अपने अधिवक्ता के साथ दोपहर 1:12 बजे विशेष न्यायालय एससी-एसटी एक्ट पहुंचीं। आरोपितों के वकील मुन्ना सिंह पुंढीर ने मीडिया को बताया कि सीबीआइ ने चारों आरोपितों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया है। युवती के 22 सितंबर के बयान के आधार पर सीबीआइ ने चारों को दोषी माना है। पीड़ित परिवार की ओर से पैरवी के लिए पहुंचे अधिवक्ता भगीरथ सिंह सोलंकी ने बताया कि चारों आरोपितों के खिलाफ धारा 376 ए, 376 डी, 302 आइपीसी, एससी-एसटी एक्ट के तहत चार्जशीट दाखिल की है। कोर्ट अब चार्जशीट का अवलोकन कर रही है।
इसलिए हाथरस में दाखिल की चार्जशीट
यह मामला सीबीआइ ने गाजियाबाद में हत्या, सामूहिक दुष्कर्म, एससीएसटी एक्ट में दर्ज किया था। इन्हीं धाराओं में थाना चंदपा में भी मामला दर्ज है। एससीएसटी एक्ट का मामला होने के कारण इसकी सुनवाई हाथरस के विशेष न्यायालय एससीएसटी एक्ट में की जा रही है। यह कोर्ट अब तक जांच की निगरानी हाईकोर्ट के निर्देश पर कर रही थी।
पीड़ित बोले, कोर्ट पर पूरा भरोसा
मृतका के बड़े भाई व भाभी ने सीबीआइ की कार्रवाई को सही बताया है। कोर्ट पर भी भरोसा जताया है। कार्रवाई के दौरान मृतका का बड़ा भाई और भाभी भी सीआरपीएफ की सुरक्षा में पहुंचे।
गांव में सन्नाटा, स्वजन खामोश
चार्जशीट दाखिल होने के बाद गांव में फिर सन्नाटा छा गया। चारों आरोपितों के स्वजन कुछ कहने को तैयार नहीं है।
एक साथ चली तीन जांच
हाथरस के इतिहास में पहली ऐसी पहली घटना है, जिसकी एसआइटी, एसटीएफ के अलावा सीबीआइ की जांच एक साथ चली हो। इस मामले में हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने स्वत: संज्ञान लेते हुए सुनवाई की है।
पीड़िता के भाई का होगा फोरेंसिक साइकोलॉजिकल टेस्ट
सीबीआइ पीड़िता के भाई को फोरेंसिक साइकोलॉजिकल टेस्ट के लिए गुजरात लेकर जाएगी। यहां उसका साइकोलॉजिकल एक्सेसमेंट कराया जाएगा। साइकोलॉजिकल एक्सेसमेंट (मनोवैज्ञानिक मूल्यांकन) में शिकायतकर्ता / अभियुक्तों को विभिन्न काल्पनिक स्थितियों के साथ मामले से संबंधित प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष प्रश्न किए जाते हैं। इस दौरान उनकी प्रतिक्रियाएं रिकॉर्ड की जाती हैं। इन सभी प्रतिक्रियाओं के आधार पर मनोवैज्ञानिक पहलुओं, लक्षणों और उद्देश्यों को जानने की कोशिश की जाती है।
क्या था मामला
बूलगढ़ी गांव के बाहर एक खेत में 14 सितंबर की सुबह अपनी मां व भाई के साथ चारा काटने गई युवती पर हमला किया गया था। तब मां ने मारपीट का मामला बताया था। भाई की तहरीर पर मामला दर्ज हुआ था। इसके बाद युवती जिला अस्पताल ले जाई गई। गले पर चोट के निशान होने के चलते इसे अलीगढ़ के मेडिकल कॉलेज भेजा गया और 28 सितंबर को सफदरजंग अस्पताल दिल्ली रेफर किया गया, जहां 29 सितंबर की सुबह साढ़े छह बजे मौत हो गई। बिगड़ते माहौल के चलते प्रशासन ने रात 2:30 बजे गांव में ही अंतिम संस्कार करा दिया था। इसके बाद देशभर में प्रदर्शन हुए और लगभग सभी राजनीतिक दल इसमें कूदे। युवती ने दुष्कर्म का आरोप लगाया था, जिसकी पुष्टि मेडिकल, पोस्टमार्टम और एसएचएल जांच में नहीं हुई थी। इस कांड के चार आरोपित गांव के ही लवकुश, संदीप, रामू व रवि घटना से एक सप्ताह के अंदर ही गिरफ्तार कर लिए गए थे। तभी से जेल में हैं।
क्वारंटाइन सेंटर में हैं चारों आरोपित
अलीगढ़ के वरिष्ठ जेल अधीक्षक आलोक सिंह ने बताया कि चारों आरोपितों को गुजरात से लौटने के बाद क्वारंटाइन सेंटर में रखा गया है। समय पूरा होने व कोर्ट का आदेश मिलने पर इन्हें अलग बैरकों में शिफ्ट कर दिया जाएगा।
सीबीआइ जांच
- 02 अक्टूबर गांव बघना में आरोपितों के पक्ष में हुई पंचायत। सीबीआइ जांच की मांग की गई।
- 03 अक्टूबर को सरकार ने सीबीआइ जांच की संस्तुति की, 10 अक्टूबर को अधिसूचना जारी हुई।
- 11 अक्टूबर को सीबीआइ ने दर्ज किया अभियोग, टीम हाथरस पहुंची।
- 13 अक्टूबर को सीबीआइ व फोरेंसिक टीम ने घटना स्थल का निरीक्षण किया।
- 06 नवंबर को सीन रीक्रिएशन कर नक्शा भी बनाया गया।
- 22 नबवंर को पॉलीग्राफ और बीईओएस टेस्ट के लिए आरोपितों को गांधी नगर ले जाया गया।
- 50 से अधिक लोगों से सीबीआइ कर चुकी है पूछताछ।
- 50 से अधिक बार सीबीआइ जा चुकी है गांव।