Hathras Case Hearing: इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच में सुनवाई पूरी, आदेश सुरक्षित
Hathras Case Hearing उत्तर प्रदेश के बहुचर्चित हाथरस कांड की इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच में सोमवार को सुनवाई पूरी हो गई। कोर्ट ने सभी पक्षों को सुनने के बाद फैसला सुरक्षित कर लिया है। अब मामले की अगली सुनवाई 25 नवंबर को है।
लखनऊ, जेएनएन। उत्तर प्रदेश के बहुचर्चित हाथरस कांड की इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच में सोमवार को सुनवाई पूरी हो गई। कोर्ट ने सभी पक्षों को सुनने के बाद फैसला सुरक्षित कर लिया है। अब मामले की अगली सुनवाई 25 नवंबर को है। न्यायमूर्ति पंकज मित्तल और न्यायमूर्ति राजन रॉय की खंडपीठ में सुनवाई के दौरान एडीजी लॉ एंड आर्डर प्रशांत कुमार, सचिव गृह विभाग तरुण गाबा, हाथरस के तत्कालीन एसपी विक्रांत वीर हाजिर हुए।
इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने इससे पहले 12 अक्टूबर को सुनवाई के दौरान हाथरस में परिवार की मर्जी के बिना रात में मृतका का अंतिम संस्कार किए जाने पर तीखी टिप्पणी की थी। कोर्ट ने कहा था कि बिना धार्मिक संस्कारों के युवती का दाह संस्कार करना पीड़ित, उसके स्वजन और रिश्तेदारों के मानवाधिकारों का उल्लंघन है। इसके लिए जिम्मेदारी तय कर कार्रवाई करने की आवश्यकता है। कोर्ट ने इस मामले में मीडिया, राजनीतिक दलों व सरकारी अफसरों की अतिसक्रियता पर भी नाराजगी प्रकट करते हुए उन्हें इस मामले में बेवजह बयानबाजी न करने की हिदायत भी दी थी।
बता दें कि उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले के बूलगढ़ी गांव में 14 सितंबर को 19 वर्षीय दलित लड़की से चार लड़कों ने कथित रूप के साथ सामूहिक दुष्कर्म और बेरहमी से मारपीट की थी। इस लड़की को पहले जिला अस्पताल, फिर अलीगढ़ के जेएन मेडिकल कॉलेज में भर्ती किया गया। हालत खराब होने पर पर उसे दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल रेफर कर दिया गया, जहां 29 सितंबर को मृत्यु हो गई थी। मौत के बाद आनन-फानन में पुलिस ने रात में अंतिम संस्कार कर दिया था, जिसके बाद काफी बवाल हुआ। परिवार का कहना है कि उनकी मर्जी के खिलाफ पुलिस ने पीड़िता का अंतिम संस्कार कर दिया, हालांकि पुलिस इन दावों को खारिज कर रही है। इस मामले में की अब हाई कोर्ट की निगरानी में सीबीआइ जांच कर रही है।