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Hathras Case: हाथरस कांड: CBI ने गाजियाबाद में दर्ज किया मुख्य आरोपित संदीप के खिलाफ केस, अब करेगी पड़ताल

Hathras Case News हाथरस केस की उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार एसआइटी गठित कर जांच करवा रही है। इसके साथ ही इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के साथ ही इलाहाबाद हाई कोर्ट तथा कोर्ट की लखनऊ बेंच में भी सुनवाई चल रही है।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Sun, 11 Oct 2020 12:06 PM (IST)Updated: Sun, 11 Oct 2020 05:23 PM (IST)
Hathras Case: हाथरस कांड: CBI ने गाजियाबाद में दर्ज किया मुख्य आरोपित संदीप के खिलाफ केस, अब करेगी पड़ताल
सीबीआइ ने केस अपने हाथ में लेने के साथ ही रविवार को गाजियाबाद में एक मामला दर्ज किया।

लखनऊ, जेएनएन। हाथरस के बूलगढ़ी गांव की दलित युवती के साथ कथित दुष्कर्म तथा पिटाई के मौत के मामले में सीबीआइ ने गाजियाबाद में केस दर्ज किया है। 14 सितंबर की घटना के बाद दलित युवती ने 29 सितंबर को दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में दम तोड़ा था। इसके बाद मचे बवाल को देखते हुए उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने केस की सीबीआइ जांच की संस्तुति की थी।

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हाथरस केस की उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार एसआइटी गठित कर जांच करवा रही है। इसके साथ ही इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के साथ ही इलाहाबाद हाई कोर्ट तथा कोर्ट की लखनऊ बेंच में भी सुनवाई चल रही है। इसी बीच केंद्रीय कार्मिक व प्रशिक्षण विभाग ने राज्य सरकार की सिफारिश पर शनिवार हाथरस कांड की सीबीआइ जांच की अधिसूचना जारी कर दी है।

अधिसूचना जारी होते ही सीबीआइ एकशन में आ गई। सीबीआइ ने केस अपने हाथ में लेने के साथ ही रविवार को गाजियाबाद में एक मामला दर्ज किया। केंद्रीय जांच ब्यूरो ने एक शिकायत पर पुलिस थाना चंदपा, जिला हाथरस (उत्तर प्रदेश) के सीसी नंबर- 136/2020 के पहले दर्ज मामले की जांच की और मुख्य आरोपित संदीप पुत्र गुड््डू के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। इस केस में शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया था कि 14 सितंबर को आरोपित ने उसकी बहन को बाजरा के खेत में गला घोंटकर मारने की कोशिश की। केस दर्ज करने के बाद अब सीबीआइ जांच शुरू कर देगी। सीबीआइ ने केस दर्ज करने के बाद गाजियाबाद यूनिट को यह केस सौंपा है। अब जल्द सीबीआइ की एक टीम हाथरस भी पहुंच सकती है। सीबीआइ सबसे पहले पुलिस व एसआइटी की जांच से जुड़े तथ्यों को हासिल करेगी।

राज्य सरकार ने तीन अक्टूबर को हाथरस के बूलगढ़ी गांव के केस की सीबीआइ जांच कराने का निर्णय किया था, जिसके अगले ही दिन गृह विभाग ने सीबीआइ जांच की सिफारिश केंद्र सरकार को भेज दी थी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाथरस कांड की जांंच के लिए सचिव गृह भगवान स्वरूप की अध्यक्षता में गठित एसआइटी की पहली रिपोर्ट मिलने के बाद यह निर्णय लिया था। इसके साथ ही हाथरस के एसपी विक्रांत वीर व तत्कालीन सीओ राम शब्द समेत पांच पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया था। सचिव गृह अध्यक्षता में दर्ज एसआइटी अब भी हाथरस कांड की जांच की रही है। शासन ने उसे जांच पूरी करने के लिए 10 दिनों का अतिरिक्त समय दिया है। एसआइटी अब सीबीआइ जांच के शुरू होने से पहले ही अपनी जांच रिपोर्ट शासन को सौंप सकती है।सीबीआइ के मुख्यालय, दिल्ली के अधिकारियों ने हाथरस कांड की जांच संबंधी अधिसूचना मिलने की पुष्टि की है। जिसके बाद सीबीआइ ने जांच करने की प्रक्रिया शुरू कर दी।

दूसरी ओर हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने हाथरस कांड को लेकर 12 अक्टूबर को अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी व डीजीपी हितेश चंद्र अवस्थी समेत अन्य अधिकारियों को तलब कर रखा है। हाईकोर्ट ने मामले का स्वत: संज्ञान लेकर अधिकारियों को तलब किया है और मामले में समुचित कार्रवाई न होने की दशा में जांच किसी अन्य एजेंसी से कराए जाने की टिप्पणी भी की थी।

शनिवार को अवकाश के दिन केंद्रीय कार्मिक व प्रशिक्षण विभाग ने सीबीआइ जांच की अधिसूचना जारी की है। माना जा रहा है कि हाईकोर्ट में 12 अक्टूबर को सुनवाई की तारीख के मद्देनजर यह तेजी लाई गई है। गृह विभाग व डीजीपी मुख्यालय के अधिकारी भी शनिवार हाई कोर्ट में जवाब देने की तैयारियों में जुटे रहे। डीजीपी मुख्यालय में इसे लेकर एक अहम बैठक भी हुई। हाथरस कांड में अब तक एसआइटी की जांच से लेकर पुलिस की कार्रवाई में सामने आए सभी तथ्यों को जुटाकर एक रिपोर्ट तैयार की जा रही है। जिसे सोमवार को अंतिम रूप दे दिया जाएगा। अफसर कोर्ट के समक्ष उस रिपोर्ट को प्रस्तुत करने के साथ ही घटना की सीबीआइ जांच शुरू किए जाने का हवाला भी देंगे। शासन हाई कोर्ट में मजबूत पैरवी के लिए हर स्तर पर तैयारी कर रहा है।  


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