Hathras Case Hearing: हाथरस केस में पीड़िता के भाई के अधिवक्ता व गवाहों को धमकाने के आरोप पर हाईकोर्ट सख्त
Hathras Case Hearing हाथरस की विशेष कोर्ट में सीबीआई की चार्जशीट पर चल रही सुनवाई के दौरान की पीड़िता के भाई ने आरोपित पक्ष के साथ उनके अधिवक्ताओं पर गंभीर आरोप लगाकर इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच में हलफनामा दिया है।
लखनऊ, जेएनएन। हाथरस जिले के चंदपा थाना क्षेत्र के बूलगढ़ी गांव में दलित युवती की कथित सामूहिक दुष्कर्म के बाद हत्या के मामले में पीड़ित पक्ष ने बेहद गंभीर आरोप लगाया है। हाथरस की विशेष कोर्ट में सीबीआई की चार्जशीट पर चल रही सुनवाई के दौरान की पीड़िता के भाई ने आरोपित पक्ष के साथ उनके अधिवक्ताओं पर गंभीर आरोप लगाकर इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच में हलफनामा दिया है। इसके बाद लखनऊ बेंच ने जिला जज हाथरस तथा सीआरपीएफ से 15 दिन में जवाब मांगा है।
इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ पीठ के न्यायमूर्ति राजन राय व न्यायमूर्ति जसप्रीत सिंह ने जिला जज तथा सीआरपीएफ को 15 दिन में रिपोर्ट प्रेषित करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने पूर्व में हाथरस मामले में स्वत: संज्ञान लेकर दर्ज की एक जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान पारित किया। हाथरस के बूलगढ़ी गांव के मामले में हाथरस में स्पेशल जज एससीएसटी एक्ट के समक्ष पांच मार्च 2021 को विचारण के दौरान अभियोजन साक्षियों व पीड़िता के अधिवक्ता को धमकाने के साथ अदालत में तमाशा खड़ा करने के आरेापों के बावत जिला जज हाथरस व सीआरपीएफ को पंद्रह दिन के अंदर जांच करके रिपेार्ट देने का आदेश दिया है। कोर्ट ने कहा कि रिपोर्ट आने के बावत विचारण अन्यत्र स्थानांतरित करने पर विचार करेगा। इस बीच अदालत ने सरकार व हाथरस जिला प्रशासन को आदेश दिया कि विचारण को सुगम रूप से चलने के लिए पर्याप्त सुरक्षा उपलब्ध कराई जाये। अदालत ने सीआरपीएफ को पूर्व की भांति पीड़िता के परिवारीजन व गवाहों को समुचित सुरक्षा प्रदान करने का भी आदेश दिया है।
इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने कहा है कि वह इस केस के ट्रायल को हाथरस से बाहर भेज सकती है। कोर्ट की टिप्पणी तब आई है, जब पीड़िता के भाई ने एक हलफनामा दाखिल कर बताया था कि इस महीने सुनवाई के दौरान पीड़ित परिवार और उनके वकीलों को धमकियां मिली थीं और उनपर दबाव बनाया जा रहा था। कोर्ट ने अपने आदेश में पीड़ित पक्ष की मुख्य कानूनी सलाहकार सीमा कुशवाहा को मिली धमकियों का जिक्र भी किया है। एफिडेविट में कहा गया है कि हाथरस जिला कोर्ट में इस मामले की सुनवाई कर रहे जज को तब सुनवाई स्थगित करनी पड़ी थी, जब तरुण हरि शर्मा नाम का वकील कोर्टरूम में घुस गया था और पीडि़त पक्ष की वकील के साथ उग्र होने की कोशिश की थी। वकील ने सीमा कुशवाहा को भी चिल्ला-चिल्लाकर धमकियां दी थीं। इसमें यह भी कहा गया है कि वकील शराब के नशे में लग रहा था। इसके बाद कोर्ट ने तुरंत वकील को कोर्ट परिसर में पुलिस सुरक्षा देने का आदेश दिया था। हलफनामे में बताया गया है कि इसके बाद से वकील कोर्ट में सुनवाई के लिए उपस्थित नहीं हो पाई हैं क्योंकि उनकी सुरक्षा को खतरा है।
हाथरस की एससी/एसटी कोर्ट में इस केस की लगातार सुनवाई हो रही है। बुधवार के बाद शुक्रवार को भी सुनवाई हुई थी। दोनों बार सीमा कुशवाहा नहीं आईं जबकि शुक्रवार को केस दर्ज कराने वाला पीड़िता का भाई नहीं आया था। बुधवार को बूलगढ़ी प्रकरण में चारों आरोपितों को कड़ी सुरक्षा में जिला कारागार से न्यायालय लाया गया। सीबीआइ के अधिवक्ता व एक अन्य अधिकारी के साथ मौजूद रहे। मृतका का बड़ा भाई व मां सीआरपीएफ की सुरक्षा में आए। इस मामले में दो मीडिया कर्मियों की गवाही हुई। मृतका के बड़े भाई की गवाही पांच मार्च हो चुकी है। इसके बाद इस प्रकरण में 19 मार्च की तिथि नियत की गई।
शुक्रवार को चारों आरोपितों के साथ सीबीआइ के अधिवक्ता व एक अन्य अधिकारी मौजूद रहे। मृतका का बड़ा भाई नहीं आ सका। वह लखनऊ तारीख पर गया था। इस मामले में जिला अस्पताल के चिकित्सक व कोतवाली चंदपा की महिला सिपाही की गवाही हुई। मृतका के बड़े भाई की गवाही पांच मार्च हो चुकी है। अब कोर्ट ने इस मामले में 24 मार्च की तिथि नियत की है।