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Hanuman Jayanti 2020 : दुनिया चले न श्रीराम के बिना, राम जी चले न हनुमान के बिना...

Hanuman Jayanti 2020 हनुमान जयंती पर मंदिरों में दर्शन पूजन के लिए लगी कतार कोरोना संक्रमण के चलते बड़े आयोजन पर प्रतिबंध के बावजूद श्रद्धालुओं ने बजरंग बली का दर्शन किया। शारीरिक दूरी का पालने कराने में आया पसीना।

By Divyansh RastogiEdited By: Published: Fri, 13 Nov 2020 01:39 PM (IST)Updated: Fri, 13 Nov 2020 01:39 PM (IST)
Hanuman Jayanti 2020 :  दुनिया चले न श्रीराम के बिना, राम जी चले न हनुमान के बिना...
Hanuman Jayanti 2020 : हनुमान जयंती पर मंदिरों में दर्शन पूजन के लिए लगी कतार।

लखनऊ, जेएनएन। Hanuman Jayanti 2020 : दुनिया चले न श्रीराम के बिना, राम जी चले न हनुमान के बिना...और जय हनुमान ज्ञान गुन सागर...से गुंजायमान वातारण। बजरंग बली के दर्शन के लिए मंदिरों में लगी श्रद्धालुओं की कतार। शुक्रवार को कलियुग के एक मात्र जाग्रत देव संकटहर्ता हनुमान जी की जयंती पर कुछ ऐसा ही नजारा शहर-ए-लखनऊ के हनुमान मंदिरों में नजर आया। कोरोना संक्रमण के चलते बड़े आयोजन पर प्रतिबंध के बावजूद श्रद्धालुओं ने बजरंग बली का दर्शन किया। हनुमान सेतु मंदिर के कपाट वैसे तो भोर में ही खोल दिए गए थे, लेकिन दोपहर तीन बजे के बाद शुभ मुहूर्त में श्रद्धालुओं ने दर्शन किए। कतार लगने से शारीरिक दूरी का पालने कराने में मंदिर समिति के लोगों को पसीना आ रहा था। 

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हनुमान सेतु मंदिर के मुख्य पुजारी चंद्रकांत द्विवेदी ने बताया कि दोपहर बाद छोटी दीपावली का मान शुरू हुआ और श्रद्धालुओं ने दर्शन करना शुरू कर दिया। देवादिदेव महादेव के अंश होने के साथ ही शनिदेव व वरुण देव की विशेष कृपा भी हनुमान जी को प्राप्त है। ऐसे में उनके दर्शन मात्र से सभ्री की कृपा मिलन जाती है। कोरोना संक्रमण के चलते गर्भ गृह में प्रवेश पर प्रतिबंध था। अलीगंज के पुराने व नए हनुमान मंदिर में भी शारीरिक दूरी के साथ दर्शन पूजन किया। 
 
पक्कापुल स्थित दक्षिणमुखी हनुमान मंदिर के पुजारी श्रीराम सिंह ने बजरंग बली को सुबह भोग लगाया और दाेपहर बाद से दर्शन शुरू हो गए। बीरबल साहनी मार्ग स्थित पंचमुखी हनुमान मंदिर के पुजारी पवन मिश्रा ने बताया कि श्रद्धालु शारीरिक दूरी के साथ दर्शन करया गया। आलमबाग के मौनी बाबा मंदिर के पुजारी श्याम सुंदर शुक्ला के सानिध्य में श्रद्धालुओं ने पूजन किया। शास्त्रों के मुताबिक हनुमान जयंती के दूसरे दिन सूर्योदय के पहले हनुमत दर्शन उत्तम होता है। शहर के अन्य हनुमान मंदिरों में भी सुबह से दर्शन शुरू हो गया।
 

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