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ठग कर रहे एक मिनट में 36 टिकट तैयार, हैकरों के सामने बेबस रेलवे के इंजीनियर Lucknow News

लखनऊ एएनएमएस सॉफ्टवेयर लगा रहा रेलवे की सुरक्षा में सेंध। 19 दलालों को खानी पड़ी जेल की हवा करीब 1.42 करोड़ के टिकट हुए जब्त।

By Divyansh RastogiEdited By: Published: Fri, 24 Jan 2020 08:50 AM (IST)Updated: Fri, 24 Jan 2020 08:50 AM (IST)
ठग कर रहे एक मिनट में 36 टिकट तैयार, हैकरों के सामने बेबस रेलवे के इंजीनियर Lucknow News
ठग कर रहे एक मिनट में 36 टिकट तैयार, हैकरों के सामने बेबस रेलवे के इंजीनियर Lucknow News

लखनऊ, जेएनएन। सॉफ्टवेयर इंजीनियर आइआरसीटीसी की वेबसाइट में जो करना चाहते हैं, वह आसानी से कर रहे हैं। वहीं, रेलवे के काबिल इंजीनियर की फौज हैकरों के सामने बेबस नजर आ रही है। अब नए साफ्टवेयर का नाम सामने आया है। के जरिये टिकट बनाने वाले दलाल बिना कैप्चा कोड और बैंक ओटीपी को बाईपास करके दस सेकेंड के भीतर टिकट बना रहे हैं। एक मिनट में छह लैपटॉप से यह सॉफ्टवेयर कनेक्ट करके छह टिकट निकाले जा सकते हैं। कह सकते हैं कि एक मिनट में करीब 36 टिकट। ऐसे में रेलवे काउंटरों पर तत्काल टिकट के लिए घंटों खड़े होने वाले यात्री अपने को ठगा सा महसूस कर रहे हैं और जालसाज बेखौफ होकर विभिन्न प्रकार के सॉफ्टवेयर से टिकट बना कर फर्जीवाड़ा कर अपनी जेबें गर्म करते हैं। इतना ही नहीं वे रेलवे को नुकसान पहुंचा रहे हैं।

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चेन्नई में पकड़े गए युवक ने खुलासा करते हुए बताया कि एएनएमएस सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल हो रहा है। इस सॉफ्टवेयर को 2600 रुपये में ऑनलाइन बेचा। आरपीएफ की टीमों ने लखनऊ सहित कई जिलों में ऐसे दलाल पकड़े, जो ओटीपी व कैप्चा को बाईपास करके टिकट बनाने का गोरखधंधा कर रहे थे। आरपीएफ के मुताबिक आइआरसीटीसी के होम पेज पर बैंक डिटेल और यात्री की जानकारी पहले ही भर दी जाती है।

पिछले एक साल में 286 फर्जी परिचय पत्र पकड़े गए। करीब 1.42 करोड़ रुपये की लागत के टिकट जब्त हुए और 19 दलालों को जेल की हवा खानी पड़ी। हालांकि अभी भी आइआरसीटीसी व आरपीएफ द्वारा प्रतिबंधित साफ्टवेयर एएनएमएस और मिर्ची सहित कई साफ्टवेयर अब भी सक्रिय हैं।

यह भी जानें 

  • 19 दलालों को खानी पड़ी जेल की हवा, करीब 1.42 करोड़ के टिकट हुए जब्त।  
  • 10 सेकेंड के भीतर जालसाज बना रहे हैं टिकट, यात्री महसूस कर रहे अपने को ठगा। 
  • टिकट बनाते वक्त सॉफ्टवेयर कैप्चा कोड व ओटीपी कर देता है बाईपास। 
  • आइआरसीटीसी के होम पेज पर पहले ही बैंक डिटेल और यात्री की जानकारी भर दी जाती है। 

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