NGT सख्त : कहीं भी खुले में पड़ा हो कूड़ा तो यहां करें शिकायत
सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट मॉनीटरिंग कमेटी कर रही नियमित निगरानी। कहीं भी खुले में कूड़ा न दिखने के दिए गए निर्देश।
लखनऊ, जेएनएन। शहर की सूरत संवारने की जिम्मेदारी अब नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) व उसके द्वारा गठित सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट मॉनीटरिंग कमेटी (एसडब्ल्यूएमएमसी) ने ले ली है। कमेटी द्वारा कचरा प्रबंधन के साथ-साथ नालों व सीवर लाइनों से गिर रहे सीवेज के साथ-साथ होटलों द्वारा उत्सर्जित दूषित पानी, अस्पतालों में बायोमेडिकल वेस्ट की व्यवस्था पर नजर रखी जा रही है। यहां तक कि कमेटी शहरियोंं द्वारा भेजी जा रही ऑनलाइन शिकायतों को भी संबंधित विभागों को न केवल भेज रही है, बल्कि उस पर की जाने वाली कार्रवाई का भी संज्ञान ले रही है।
एसडब्ल्यूएमएमसी के अध्यक्ष न्यायाधीश डीपी सिंह ने केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) को आदेश दिया है कि घैला पर लगे कूड़े के पहाड़ों को कवर किया जाए। कूड़े से कितना वायु प्रदूषण हो रहा है इसकी नापजोख हो। यही नहीं, हवा द्वारा उड़कर कूड़ा पर्यावरण को दूषित न करें इसलिए जमा कूड़े को कवर किया जाए। कमेटी के सचिव राजेंद्र सिंह ने बताया कि बीती 18 जनवरी को हुई बैठक में सीपीसीबी को यह भी आदेश दिया गया है कि गोमती नगर में दयाल पैराडाइज के पीछे इको ग्रीन द्वारा जो कूड़ा इकट्ठा किया जा रहा था उससे पर्यावरण को कितनी क्षति पहुंची है, इसका आकलन कर बताएं। कमेटी ने शहर में कूड़े की डंपिंग को लेकर नगर आयुक्त को निर्देश दिए हैं कि कहीं भी खुले में कूड़ा नहीं दिखना चाहिए।
नगर निगम के पर्यावरण अधिकारी पंकज भूषण ने जानकारी दी कि सफाई कर्मियों को जल्द ही वह सभी उपकरण दिए जाएंगे जो उनकी सुरक्षा के लिए जरूरी हैं। इसके टेंडर किए जा रहे हैं। बैठक में राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, सीपीसीबी, नगर निगम, आवास विकास, एलडीए आदि विभागों के अधिकारी मौजूद थे। सचिव अर्बन डेवलपमेंट अनुराग यादव ने कमेटी को बताया कि सेकेंड्री कूड़ा डंपिंग स्थलों को समाप्त किया जा रहा है और डंपिंग स्थलों में सफाई व कूड़ा खुला न पड़ा रहे इसकी व्यवस्था भी सुनिश्चित की जा रही है।
विभाग मार्च तक एक्शन प्लान कमेटी को सौंपे
उधर शैलेश सिंह द्वारा एनजीटी में दायर एक याचिका के संबंध में बीती 17 जनवरी को आदेश देते हुए ट्रिब्यूनल ने संबंधित विभागों से कहा है कि वह गोमती प्रदूषण के संबंध में किए जा रहे कार्यों से कमेटी को अवगत कराएं। शैलेश सिंह ने कैग की वर्ष 2017 की रिपोर्ट का हवाला देते हुए शिकायत की थी कि करोड़ों खर्च होने के बाद भी गोमती में सीवर व नालों से गंदगी का गिरना जारी है। शहर में 210 होटल बगैर राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से सहमति प्राप्त किए चल रहे हैं। इससे गोमती में बड़ी मात्रा में दूषित पानी जा रहा है। इस संबंध में राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, राज्य सरकार, नगर निगम, शहरी विकास विभाग, एलडीए, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा दिए गए उत्तर से ट्रिब्यूनल संतुष्ट नहीं है। एनजीटी ने विभागों से कहा है कि वह इस सबंध में किए गए कार्यों से 31 मार्च तक एसडब्ल्यूएमएमसी के अध्यक्ष डीपी सिंह को अवगत कराएं। वही कमेटी 31 मई को अपनी रिपोर्ट एनजीटी को उपलब्ध कराए।
खुले में पड़ा हो कूड़ा तो करें शिकायत
एसडब्ल्यूएमएमसी के सचिव राजेंद्र सिंह ने कहा कि यदि कहीं खुले में कूड़ा पड़ा हो या डाला जाता हो तो upsolidcom@gmail.com पर फोटो सहित मेल कर शिकायत कर सकते हैं।