GST चोरी के बंद होंगे रास्ते, सरकार को चूना लगाने वालों पर नकेल के लिए यूपी के वित्त मंत्री का यह प्लान...
कोविड-19 से सरकार को जीएसटी की कमाई में बड़ा झटका लगा है। घटते राजस्व की भरपाई के लिए कोई नया टैक्स तो नहीं लगने जा रहा लेकिन टैक्स चोरी पर कड़ाई से अंकुश लगाने की तैयारी है।
लखनऊ [अजय जायसवाल]। जीएसटी यानी गुड्स एंड सर्विस टैक्स की चोरी कर सरकारी खजाने को चूना लगाने वालों पर सरकार नकेल कसने जा रही है। ऐसी व्यवस्था प्रस्तावित है, जिससे टैक्स चोरी के तमाम रास्ते बंद हो जाएंगे। इस संबंध में उत्तर प्रदेश के वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने केंद्रीय वित्त मंत्री एवं जीएसटी काउंसिल की अध्यक्ष निर्मला सीतारमण को पत्र लिखकर कई अहम सुझाव दिए हैं।
कोविड-19 से राज्य सरकार को जीएसटी की कमाई में बड़ा झटका लगा है। हालांकि, घटते राजस्व की भरपाई के लिए सरकार कोई नया टैक्स तो नहीं लगाने जा रही है, लेकिन टैक्स चोरी पर कड़ाई से अंकुश लगाने वाली है। चूंकि जीएसटी संबंधी कोई भी फैसला केंद्रीय वित्त मंत्री की अध्यक्षता में गठित जीएसटी काउंसिल ही करती है, इसलिए वित्त मंत्री ने टैक्स चोरी के रास्ते बंद करने वाले कई सुझाव संबंधी पत्र उन्हें लिखा है। मसलन, बेहतर सड़कें होने से एक ही ई-वे बिल से कई बार माल इधर से उधर कर बड़े पैमाने पर टैक्स चोरी के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। इस पर अंकुश लगाने के लिए ई-वे बिल की प्रत्येक 100 किमी के लिए एक दिन की समय-सीमा को अब 250 किमी करने का सुझाव दिया गया है।
40 लाख रुपये तक के टर्नओवर वाले कारोबारियों को जीएसटी पंजीयन से छूट का भी खूब दुरुपयोग कर टैक्स की चोरी की जा रही है। चूंकि अभी ऐसी व्यवस्था नहीं है कि जिससे अपंजीकृत व्यक्ति के वास्तविक टर्नओवर का पता चल सके, इसलिए टैक्स चोरी करने के लिए जानबूझकर पंजीयन कराए बिना व्यापार के मामले भी बढ़ रहे हैं। ऐसी टैक्स चोरी रोकने के लिए पंजीकृत व्यापारियों द्वारा अपंजीकृत को माल बेचने का ब्योरा कॉमन पोर्टल पर अनिवार्य रूप से दिए जाने की व्यवस्था करने को कहा गया है।
अपंजीकृत व्यक्तियों के लिए यूनिक आइडी या टेंपरेरी आइडी की तरह कॉमन पोर्टल से एक आइडी लेने की अनिवार्यता से टैक्स चोरी पर अंकुश लगेगा। इसके अलावा अपंजीकृत व्यक्तियों को मिलने वाली सुविधा का कुछ ट्रांसपोर्टर्स द्वारा दुरुपयोग किए जाने पर अंकुश लगाने के लिए जीएसटी नियमावली के नियम 138(7) को भी लागू करने का सुझाव है। नियम के प्रभावी होने पर ट्रांसपोर्टर्स के लिए करापवंचित माल का परिवहन संभव नहीं होगा। टैक्स चोरी के मामले में वह अपनी जिम्मेदारी से बच नहीं सकेंगे।