Groundwater Week 2020: सहेजें बारिश की बूंदें...बचाएं कल का भूजल, जानें सुरक्षित-आसान-सस्ते उपाय
Groundwater Week 2020 मत जाया होने दें बारिश की अमृत रूपी बूंदों को। खर्चीला नहीं है वर्षा जल संचयन जरूरी है इच्छाशक्ति।
[रूमा सिन्हा]। Groundwater Week 2020: पानी नेमत है, फिर चाहे वह बारिश का हो या नल का। फिर भी सुबह-सवेरे घरों की छत पर रखी टंकियों से ओवरफ्लो होकर पानी बहने की आवाज हम सबके कानों में पड़ती है। कभी हम पाइप लगाकर गाडिय़ों को धोते हैं तो कभी सड़क। उधर, गॢमयों में कई जगह से पानी की किल्लत की खबरें भी हम देखते और सुनते रहते हैं। एक-एक बाल्टी पानी के लिए तमाम जद्दोजहद करने वाली ये खबरें हमें सचेत करती हैं। हम अगर अब भी न चेते तो यह समस्या और भी गहराएगी। विशेषज्ञ हमें आगाह करते हुए पहले ही इस दिक्कत से निपटने का रास्ता बता रहे हैं। हम भूजल का संयम के साथ उपयोग करें और बारिश के पानी को सहेजें तो आसानी से आने वाले कल के लिए भूजल बचा सकते हैं।
वैसे हम बारिश के रूप में गिरने वाली नेमत को सड़कों से होकर नालियों में यूं ही बहते देखते रहते हैं, पर क्या कभी सोचा है कि यदि हम आसमान से गिरने वाली बूंदों को सहेज लें तो कितना पानी बचा सकते हैं। इधर, बीते कुछ दशकों में प्रौद्योगिकी ने भूजल भंडारों में संचित पानी को बहुत नुकसान पहुंचाया है। तकनीकी मदद से हम भूजल भंडारों से आसानी से जल दोहन करके अपनी जरूरतों को न केवल पूरा करते हैं बल्कि पानी की बर्बादी भी करते हैं। हम यह भूल चुके हैं कि भूजल भंडारों से जिस रफ्तार से हम पानी निकाल रहे हैं, उससे उनका एक न एक दिन खाली होना तय है।
बारिश के दौरान आसमान से गिरने वाली अमृत रूपी बूंदों को सहेज कर हम इस संकट को कम कर सकते हैं। भूगर्भ जल विभाग के पूर्व सीनियर हाइड्रोजियोलॉजिस्ट एनसी सक्सेना कहते हैं कि यदि बैंक में जमा धन को हम केवल निकालते रहेंगे तो उसका खत्म होना तय है। बिल्कुल ऐसा ही भूजल भंडारों के साथ भी है। इन भूजल भंडारों का हम चिंताजनक स्थिति तक दोहन कर चुके हैं। ऐसे में महज मानसून के चार महीनों के दौरान कुछ दिनों होने वाली बारिश से बचाए गए पानी से सौ फीसद पूर्ति तो नहीं कर सकते, लेकिन थोड़ी राहत तो पहुंचा ही सकते हैं।
ग्राउंड वाटर एक्शन ग्रुप के विशेषज्ञों की माने तो हमें अपने वॉटर फुटप्रिंट को कम करने की जरूरत है, जिस पर फिलहाल किसी का ध्यान नहीं है। जाहिर है कि साल भर हम भूजल भंडारों से दोहन करते हैं। ऐसे में चंद रोज मिलने वाले बारिश के पानी को बचाकर भरपाई नामुमकिन है, लेकिन दोहन पर अंकुश लगाते हुए यदि हम बारिश के पानी को यथासंभव बचा लें तो निश्चित रूप से सूखते भूजल भंडारों को बड़ी राहत मिल सकती है।
ये हैं सुरक्षित-आसान-सस्ते उपाय
रिचार्ज पिट
घरों की छतों पर गिरने वाले वर्षा जल को सस्ती व सुरक्षित रिचार्ज पैक बनाकर भूजल भंडारों को आसानी से रिचार्ज कर सकते हैं। अपने घर के आगे या पिछले हिस्से पर 2 मीटर लंबा 1.5 मीटर चौड़ा और 2 मीटर गहरा रिचार्ज पर बनाया जा सकता है। जिसमें 600 से आने वाले डाउन पाइप को छोड़ा जाएगा, रिचार्ज पेट में फिल्टर के रूप में बजरी गिट्टी पछतावा मौरंग के तहत डाली जाएगी। जिससे सिल्ट और कचरा ऊपरी सतह पर रुक जाए और साफ पानी रिचार्ज हो सके इसके अलावा पिटके में एक ओवरफ्लो की भी सुविधा देगी देनी होगी। जिससे अधिक बारिश की स्थिति में पानी बाहर निकल जाए।
रिचार्ज ट्रेन
बड़े भूखंडों परिसरों परिश्रम स्कूल कॉलेज जो वह सरकारी भवनों में रिचार्ज ट्रेन सबसे अच्छी व सुरक्षित है यह खाई स्ट्रक्चर है। जो 6 मीटर लंबा 11 रखा जा सकता है। जमीन की उपलब्धता के अनुसार इसका आकार घटाया बढ़ाया भी जा सकता है।