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भाजपा आलाकमान की योगी आदित्यनाथ के मंत्रिमंडल में फेरबदल को हरी झंडी, जल्दी ही संभव

समन्वय बैठक के सुझाव सत्र में संघ के प्रमुख नेताओं के साथ भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के सामने सरकारी कामकाज की असलियत उजागर हुई।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Thu, 25 Oct 2018 10:16 AM (IST)Updated: Thu, 25 Oct 2018 10:16 AM (IST)
भाजपा आलाकमान की योगी आदित्यनाथ के मंत्रिमंडल में फेरबदल को हरी झंडी, जल्दी ही संभव
भाजपा आलाकमान की योगी आदित्यनाथ के मंत्रिमंडल में फेरबदल को हरी झंडी, जल्दी ही संभव

लखनऊ (जेएनएन)। लोकसभा चुनाव 2019 को लेकर बेहद गंभीर हो चुकी भारतीय जनता पार्टी उत्तर प्रदेश में सर्वाधिक सीट अपने नाम करने की योजना पर सक्रिय है। इसी क्रम में अब योगी आदित्यनाथ सरकार के मंत्रिमंडल में भी फेरबदल संभव है।

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भाजपा अध्यक्ष अमित शाह कल लखनऊ में थे। राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ के बड़े पदाधिकारियों के साथ ही साथ उन्होंने भाजपा उत्तर प्रदेश तथा सीएम योगी आदित्यनाथ के कैबिनेट मंत्रियों के साथ बैठक भी की। इस दौरान योगी आदित्यनाथ सरकार के मंत्रिमंडल में फेरबदल पर भी सहमति बनी। इसके बाद भाजपा आलाकमान ने फेरबदल का संकेत भी दे दिया, लेकिन समय तय नहीं हो पाया है। कल करीब छह घंटे की मैराथन बैठक में क्षोभ और असंतोष के गुबार भी फूटे लेकिन, तय यही हुआ कि आने वाले लोकसभा चुनाव में राष्ट्र चिंतन की सरकार बने और मतदान राष्ट्रीय मुद्दों पर हो। कल लखनऊ के आनन्दी वाटर पार्क में आयोजित समन्वय बैठक कुल चार सत्र में सम्पन्न हुई।

बैठक का समापन आरएसएस की प्रार्थना से हुआ। इसके बाद भाजपा अध्यक्ष अमित शाह, आरएसएस के दोनों सर सहकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले और कृष्णगोपाल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य व डॉ. दिनेश शर्मा तथा भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. महेंद्र नाथ पांडेय, राष्ट्रीय महामंत्री भूपेंद्र यादव, राष्ट्रीय महामंत्री संगठन रामलाल समेत कई प्रमुख लोगों की खास बैठक हुई। इस बैठक में योगी आदित्यनाथ सरकार के मंत्रियों के कामकाज की समीक्षा हुई। समन्वय बैठक में मंत्रिमंडल के फेरबदल पर भी चर्चा हुई। यह फेरबदल कब होगा, इस पर कोई बात तय नहीं हुई।

समन्वय बैठक के सुझाव सत्र में संघ के प्रमुख नेताओं के साथ भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के सामने सरकारी कामकाज की असलियत उजागर हुई। संघ के अनुषांगिक संगठनों के पदाधिकारियोंऔर अन्य कार्यकर्ताओं ने खरी-खरी सुना दी। इस सत्र में सबको अपने मन की कहने की छूट थी। इस सत्र में सरकारी कामकाज की पोल खुली तो सांसदों और विधायकों के प्रति नाराजगी भी दिखी। कई प्रमुख लोगों ने दो टूक कहा कि राम मंदिर का निर्माण जरूरी है। केंद्र सरकार को कानून बनाकर हिन्दू भावनाओं का आदर करना चाहिए। राम मंदिर के लिए भी दबाव बनाते लोग दिखे।

कृष्णगोपाल ने अपने उद्बोधन में राम मंदिर पर लोगों की भावनाओं को आत्मसात करते हुए कहा कि राम मंदिर सबका संकल्प है। हम सकारात्मक दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। चौथे तथा अंतिम सत्र में उत्तर प्रदेश सरकार के काम-काज बैठक में सह सरकार्यवाह डॉ. कृष्णगोपाल के सामने भाजपा अध्यक्ष अमित शाह, राष्ट्रीय महामंत्री संगठन रामलाल, सह संगठन महामंत्री शिवप्रकाश, राष्ट्रीय महामंत्री भूपेंद्र यादव, प्रदेश अध्यक्ष डॉ. महेंद्र नाथ पांडेय, सीएम योगी आदित्यनाथ, उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य व डॉ. दिनेश शर्मा समेत प्रमुख लोग सामने श्रोताओं में थे। 


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