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मिशन शक्ति अभियान को उत्तर प्रदेश में पूर्वांचल के गांव-गांव पहुंचाएगा 'ग्रीन गैंग'

ग्रीन गैंग बीएचयू के छात्रों द्वारा गठित संस्था होप वेलफेयर ट्रस्ट ने बनाया है। इसकी शुरुआत वाराणसी के खुशियारी गांव से हुई और वर्तमान में उत्तर प्रदेश के 150 गांवों में नशा और जुए के खिलाफ अभियान चला रहा है।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Sun, 18 Oct 2020 11:46 PM (IST)Updated: Sun, 18 Oct 2020 11:46 PM (IST)
मिशन शक्ति अभियान को उत्तर प्रदेश में पूर्वांचल के गांव-गांव पहुंचाएगा 'ग्रीन गैंग'
होप वेलफेयर ट्रस्ट के 'ग्रीन गैंग' ने मिशन शक्ति को पूर्वांचल के गांव-गांव तक पहुंचाने का संकल्प लिया है।

लखनऊ, जेएनएन। उत्तर प्रदेश में महिलाओं और बेटियों के साथ हो रहे अपराधों के बीच उनकी सुरक्षा और सम्मान का माहौल भी धीरे-धीरे बनने की उम्मीद जाग रही है। यूपी की योगी सरकार के मिशन शक्ति से प्रेरित होकर होप वेलफेयर ट्रस्ट के 'ग्रीन गैंग' ने इस मिशन को पूर्वांचल के गांव-गांव तक पहुंचाने का संकल्प लिया है। महिलाओं की यह टीम महिलाओं और बेटियों को आत्मरक्षा के गुर सिखाएगी और पुलिस के साथ मिलकर उनके लिए सुरक्षित माहौल बनाना चाहती है।

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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार के साथ ग्रामीण महिलाएं भी बेटियों से छेड़खानी करने वालों पर कहर बनेंगी। नशा मुक्ति व जुएं के खिलाफ पूर्वांचल के गांवों में अभियान चला रही ‘ग्रीन गैंग की महिलाओं ने शोहदों के खिलाफ हल्ला बोलने की तैयारी कर ली है। छेड़खानी करने वाले शोहदे सीधे हवालात पहुंचाए जाएंगे।

बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के छात्रों द्वारा गठित संस्था होप वेलफेयर ट्रस्ट ने बनाया है। ‘होप’ संस्था ने गांव की महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए ग्रीन गैंग खड़ा किया है। संस्था के सचिव दिव्यांशु ने बताया कि ग्रीन गैंग की शुरुआत वाराणसी के खुशियारी गांव से हुई और वर्तमान में उत्तर प्रदेश के 150 गांवों में नशा और जुए के खिलाफ अभियान चला रहा है। अब अगले छह माह में पचास नए गांवों में पहुंचने का लक्ष्य तय किया है। वाराणसी, सोनभद्र, मीरजापुर, जौनपुर, चंदौली और अयोध्या के 200 से अधिक गांवों में गैंग की महिलाएं बेटियों की सुरक्षा की कमान संभालेंगी।

छेड़छाड़ और उत्पीड़न की अन्य घटनाएं रोकने के साथ ही बेटियों के जन्म पर गांव में महिलाओं को एकत्र कर खुशियां मनाएंगी। बेटियों की सुरक्षा-सम्मान का उदाहरण पेश करने वाले गांवों में हरी छाप लगाएंगी। यह ग्रीन गैंग आज सामाजिक बुराइयों के खिलाफ एक सशक्त आवाज बन गया है। इलाकों के सुदूर गांवों में ये महिलाएं घंटों पैदल यात्रा करके पहुंचती हैं और दूसरे गांव की महिलाओं को भी जोड़ने का काम करती हैं।


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