Green Corridor in Lucknow: लखनऊ में ग्रीन कोरिडोर बनने से कम होगा तीस फीसद ट्रैफिक, प्रदूषण का ग्राफ भी होगा डाउन
लखनऊ विकास प्राधिकरण लविप्रा की प्रारंभिक रिपोर्ट में ग्रीन कारिडोर बनने से शहर का यातायात सुगम होने के साथ ही प्रदूषण का ग्राफ कम होना बताया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक इससे एक्यूआइ में भी पड़ेगा फर्क समय भी बचेगा।
लखनऊ, जेएनएन। शहर में फ्लाईओवर का जाल, फिर आउटर व किसान पथ के साथ ही ग्रीन कारिडोर बनने से शहर में ट्रैफिक की समस्या तीस फीसद कम हो जाएगी। यही नहीं एयर क्वालिटी इंडेक्स एक्यूआइ पर भी फर्क पड़ना तय है। लखनऊ विकास प्राधिकरण लविप्रा की प्रारंभिक रिपोर्ट में ग्रीन कारिडोर बनने से शहर का यातायात सुगम होने के साथ ही प्रदूषण का ग्राफ कम होना बताया गया है। यही नहीं सुबह व शाम अधिकांश चौराहों पर लगने वाले जाम से शहर वासियों को थोड़ा राहत मिलेगी। बढ़ती आबादी के लिए ग्रीन कारिडोर लाइफ लाइन साबित होने जा रहा है।
डीएम एवं लविप्रा उपाध्यक्ष अभिषेक प्रकाश ने बताया कि आउटर रिंग के जरिए वाहन शहर के बाहर ही बाहर निकल सकते हैं, इसी तरह ग्रीन कारिडोर के जरिए शहर के एक कोने में रहने वाले शख्स को शहर में आने की जरूरत नहीं। सीधे ग्रीन कारिडोर के जरिए आइआइएम से शहीद पथ का सफर तय किया जा सकेगा। यही नहीं यह सफर मात्र तीस मिनट का होगा। वर्तमान में शहीद पथ से आइआइएम तक आने में लोगों पीक टाइम में सवा घंटे तक लग जाते थे। डीपीआर बना रही कंपनी ग्रीन कारिडोर के वर्तमान व भविष्य की संभावनाएं तलाशने के साथ ही यह भी देखेगी कि इस कारिडोर पर कितने लोग चलेंगे, शहर के ट्रैफिक को नियंत्रित करने में यह कैसे मददगार होगा और प्रदूषण, समय का ग्राफ कैसे कम होगा।
वर्तमान में शहीद पथ से आइआइएम तक आने में लोगों पीक टाइम में सवा घंटे तक लग जाते थे। डीपीआर बना रही कंपनी ग्रीन कारिडोर के वर्तमान व भविष्य की संभावनाएं तलाशने के साथ ही यह भी देखेगी कि इस कारिडोर पर कितने लोग चलेंगे, शहर के ट्रैफिक को नियंत्रित करने में यह कैसे मददगार होगा और प्रदूषण, समय का ग्राफ कैसे कम होगा।
यहां के लोगों को सबसे ज्यादा होगा फायदा: रायबरेली रोड, एसजीपीजीआई, तलीबाग, आशियाना, कानपुर रोड, एल्डिको, शहीद पथ, सीजी सिटी, अजुZनगंज, अहमामऊ, सरसवा, मलेशेमऊ, मकदूमपुर, अंसल, गोमती नगर विस्तार, इस्माइलगंज, कमता, चिनहट, फैजाबाद रोड, इंदिरा नगर, दुबग्गा, हाजी कालोनी, बसंत कुंज योजना, मडियांव, आइआइएम सहित सीतापुर रोड पर बसी कालोनियों के साथ शहर की बीस लाख से अधिक आबादी को वर्तमान में फायदा पहुंचाए