यूपी में ग्राम पंचायतें भी तैयार करेंगी कृषि मशीनरी बैंक, 80 फीसद तक मिलेगा अनुदान
गांवों व किसानों से जुड़ी विभिन्न संस्थाओं को पांच से 15 लाख रुपये तक की लागत वाले मशीनरी बैंकों के लिए अनुदान की व्यवस्था है। अनुदान प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के लिए आनलाइन बुकिंग के साथ टोकन व्यवस्था भी लागू की गई है।
लखनऊ, [रज्य ब्यूरो]। खेती में कृषि यंत्रों को बढ़ावा देकर किसानों की सहायता करने में ग्राम पंचायतें भी आगे आयेंगी। पंचायतों द्वारा कृषि मशीनरी बैंक की स्थापना करने के लिए 80 प्रतिशत तक अनुदान की व्यवस्था की गई है। अनुदान की इच्छुक ग्राम पंचायतें व समितियां बुधवार से किसान सेवा पोर्टल पर बुकिंग करा सकती हैं। इन मशीनरी बैंकों से किसान कृषि यंत्र किराये पर लेकर खेती कार्य को आसान कर सकते हैं। कृषि मंत्री सूर्यप्रताप शाही ने बताया कि फसल अवशेष व पराली निस्तारण के लिए उपयोगी कृषि यंत्रों पर भी अनुदान प्रदान किया जा रहा है।
गांवों व किसानों से जुड़ी विभिन्न संस्थाओं को पांच से 15 लाख रुपये तक की लागत वाले मशीनरी बैंकों के लिए अनुदान की व्यवस्था है। अनुदान प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के लिए आनलाइन बुकिंग के साथ टोकन व्यवस्था भी लागू की गई है। उधर सहकार भारती के प्रदेश महामंत्री डा.प्रवीण जादौन का कहना है कि किसानों को कृषि यंत्रों पर अनुदान प्रदान करने किसानों की आय में वृद्धि के साथ पर्यावरण संरक्षण में भी मदद मिलेगी।
किसान आयोग के गठन की मांग : भारतीय किसान यूनियन भानू के अध्यक्ष भानू प्रताप सिंह के नेतृत्व में मंगलवार को कृषि मंत्री सूर्यप्रताप शाही से मिले प्रतिनिधिमंडल ने किसानों की विभिन्न समस्याओं पर चर्चा की। साथ की किसान आयोग गठन की मांग पूरा करने का आग्रह किया। कृषि मंत्री ने उनकी मांग पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करने व केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से बात करने का आश्वासन दिया। भाकियू नेता भानूप्रताप सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किसान हित में लागू किये तीनों कृषि बिलों का समर्थन किया।