लखनऊ विश्वविद्यालय में स्नातक के अभ्यर्थियों को डिग्री का इंतजार, जानें- क्या है देरी का कारण
लखनऊ विश्वविद्यालय एवं सम्बद्ध महाविद्यालयों में इस साल पास होकर निकले परास्नातक विद्यार्थियों को डिग्रियां तो भेज दी गईं। लेकिन स्नातक के तमाम विद्यार्थी डिग्री के इंतजार में बैठे हैं। परेशान छात्र ट्विटर पर डिग्री कब तक मिलने के सवाल पूछ रहे हैं।
लखनऊ, जागरण संवाददाता। लखनऊ विश्वविद्यालय एवं सम्बद्ध महाविद्यालयों में इस साल पास होकर निकले परास्नातक विद्यार्थियों को डिग्रियां तो भेज दी गईं। लेकिन स्नातक के तमाम विद्यार्थी डिग्री के इंतजार में बैठे हैं। परेशान छात्र ट्विटर पर डिग्री कब तक मिलने के सवाल पूछ रहे हैं। हालांकि, विश्वविद्यालय के परीक्षा विभाग का दावा है कि डिग्रियां लगातार घर भेजी जा रही हैं। एक सप्ताह में सभी डिग्रियां निर्धारित पते पर भेज दी जाएंगी।
लवि का दीक्षा समारोह 26 नवंबर को हुआ था। उसमें स्नातक व परास्नातक अंतिम वर्ष की 34,811 डिग्रियां दिए जाने की घोषणा की गई। यह भी कहा गया कि स्नातक के विद्यार्थियों की डिग्रियां घर भेजी जाएंगी। इसके बाद डाक विभाग से अनुबंध करके डिग्रियां भेजने की प्रक्रिया शुरू हुई। लेकिन डेढ़ महीने से ज्यादा समय बीतने के बाद भी अभी बड़ी संख्या में विद्यार्थियों तक डिग्री नहीं पहुंची। जिसकी वजह से छात्र ट्विटर के माध्यम से विश्वविद्यालय प्रशासन से सवाल पूछ रहे हैं। एक छात्र ने लिखा कि मेरी डिग्री अभी तक नहीं मिली। कब तक पहुंचेगी।
विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक विद्यानंद त्रिपाठी के मुताबिक कैंपस और कालेजों की परास्नतक की सभी डिग्रियां जा चुकी हैं। बीटेक, एमबीए सहित स्नातक की डिग्रियां भी रोजना 300 के आसपास भेजी जा रही हैं। एक सप्ताह में बची हुई सभी डिग्रियां छात्रों के घर तक भेज दी जाएंगी। गौरतलब है कि राज्यपाल एवं कुलाधिपति आनंदी बेन पटेल ने विश्वविद्यालय को विद्यार्थियों की डिग्रियां घर भेजने की व्यवस्था सुनिश्चित कराने के निर्देश दिए थे। इसके लिए लखनऊ विश्वविद्यालय ने विद्यार्थियों के घर का डाक का पता जुटाया था।
फार्म भरने के बाद शुरू होगी परीक्षा केंद्र बनाने की प्रक्रिया: लखनऊ विश्वविद्यालय पहली बार लखनऊ के साथ चार अन्य जिलों के महाविद्यालयों में स्नातक, परास्नातक प्रथम सेमेस्टर की परीक्षाएं आयोजित करेगा। इसके लिए परीक्षा फार्म भरने की तिथि 25 जनवरी तक बढ़ाई गई है। 28 जनवरी तक इसे जमा करने के निर्देश दिए गए हैं। इसके बाद प्रथम सेमेस्टर की परीक्षाओं के लिए केंद्र बनाने की प्रक्रिया शुरू होगी। माना जा रहा है कि कोविड की स्थिति सामान्य होने पर मार्च-अप्रैल में प्रथम सेमेस्टर की परीक्षाएं हो सकती हैं।