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महानगरों में पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू करने के पक्ष में राज्यपाल राम नाईक

राज्यपाल ने कहा कि महाराष्ट्र से आता हूं। महाराष्ट्र उत्तर प्रदेश की तुलना में आधा है, फिर भी वहां मुंबई, पुणे, नागपुर व औरंगाबाद जैसे शहरों पुलिस कमिश्नरी की व्यवस्था चल रही है।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Thu, 27 Dec 2018 04:19 PM (IST)Updated: Thu, 27 Dec 2018 04:22 PM (IST)
महानगरों में पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू करने के पक्ष में राज्यपाल राम नाईक
महानगरों में पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू करने के पक्ष में राज्यपाल राम नाईक

लखनऊ, जेएनएन। उत्तर प्रदेश के राज्यपाल की इच्छा उत्तर प्रदेश पुलिस के भी महाराष्ट्र पुलिस की तरह करने की है। इसी क्रम में वह प्रदेश के सभी महानगरों में पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू कराने के पक्ष में हैं। पुलिस वीक में आज उन्होंने लखनऊ पुलिस लाइन में रैतिक परेड की सलामी लेने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मौजूदगी में अपनी इच्छा भी जाहिर की।

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राज्यपाल ने कहा कि देश के 71 शहर में पुलिस कमिश्नर प्रणाली चल रही है। मुंबई व अन्य महानगरों की तरह उत्तर प्रदेश में भी पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू होनी चाहिये। सरकार लखनऊ, कानपुर व गाजियाबाद समेत 20 लाख से अधिक आबादी वाले महानगरों में कमिश्नर प्रणाली को बतौर पायलट प्रोजेक्ट लागू करे।

राज्यपाल राम नाईक ने रैतिक परेड में पुलिस की कार्यकुशलता की प्रशंसा करते हुए पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू किये जाने की मजबूत सिफारिश की। राज्यपाल ने कहा कि वह सरकार, जनता व पुलिस अधिकारियों का ध्यान एक विशेष बात की ओर आकृष्ट करना चाहता हूं। उन्होंने कहा कि कानून-व्यवस्था में सुधार हो रहा है। अधिक सुधार करने की दृष्टि से मेरा सुझाव है कि उत्तर प्रदेश में भी पुलिस कमिश्नर प्रणाली पायलट प्रोजेक्ट के रूप में शुरू की जानी चाहिये। इस पर विचार करने की आवश्यकता है।

राज्यपाल ने कहा कि महाराष्ट्र से आता हूं। महाराष्ट्र उत्तर प्रदेश की तुलना में आधा है, फिर भी वहां मुंबई, पुणे, नागपुर व औरंगाबाद जैसे शहरों पुलिस कमिश्नरी की व्यवस्था चल रही है। देश में लगभग 71 शहरों में कमिश्नरी प्रणाली चालू है और 19 महानगरों की ही आबादी 20 लाख से ज्यादा है। उन 19 महानगरों में 14 स्थानों पर यह प्रणाली जारी है। जिन महानगरों में यह प्रणाली लागू नहीं है, उसमें बिहार का पटना, मध्य प्रदेश का इंदौर और उत्तर प्रदेश के तीन लखनऊ, कानपुर व गाजियाबाद शहर शामिल हैं। मैं चाहता हूं कि सरकार सुरक्षा व्यवस्था को और सुदृढ़ बनाने के लिए इस पर अधिक गंभीरता से विचार करके, अध्ययन करके निर्णय ले। राष्ट्र पुलिस से बहुत बड़ी अपेक्षा रखता है।

आज अपराध एक प्रदेश तक सीमित नहीं रहता है। बड़े पैमाने पर अपराधी भी संगठित होकर अपराध करते रहते हैं। पुलिस की भूमिका अब केवल कानून लागू करने वाले बल की नहीं, बल्कि सक्रिय सेवा प्रदान करने की भी है। यह सुनिश्चित किया जाना चाहिये के आम आदमी की शिकायतों का समाधान किया जाये। पुलिस में उच्च स्तर का अनुशासन, समर्पण व सत्यनिष्ठा का समावेश आवश्यक है। यह पांचवा मौका था, जब राज्यपाल राम नाईक ने रैतिक परेड की सलामी ली। इस मौके पर विशिष्टि अतिथि के रूप में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उप मुख्यमंत्री डॉ.दिनेश शर्मा, मुख्य सचिव अनूप चंद्र पाण्डेय, मेयर संयुक्ता भाटिया, व अन्य लोग मौजूद थे। डीजीपी ओपी सिंह ने सभी का आभार जताया।

परेड के कमांडर एसएसपी कलानिधि नैथानी थे। 24 से 30 दिसंबर तक चलने वाले पुलिस सप्ताह 2018 में डीजीपी ओम प्रकाश सिंह ने 145 पुलिसकर्मियों को अफसरों को सराहनीय सेवाओं के लिए पदक से सम्मानित किया था। इसके बाद कई कार्यक्रम हुए। 26 दिसंबर को पुलिस कल्याण संस्थान और सेवारत पुलिस अधिकारियों की बैठक रेडियो मुख्यालय लखनऊ में हुई थी। इसमें कई मुद्दों पर चर्चा हुई थी।

कुंभ की सुरक्षा पर जताया भरोसा

राज्यपाल ने वीर शहीद पुलिसकर्मियों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा पुलिस को बहुत विषम परिस्थितियों का सामना करते हुए अपने कर्तव्य का निर्वहन करना पड़ता है। राज्यपाल ने कुंभ की सुरक्षा-व्यवस्था की चुनौती की ओर इशारा करते हुए पुलिस की तैयारियों की प्रशंसा भी की। उन्होंने कहा कि 2013 के कुंभ में भगदड़ की घटना के बाद गठित आयोग की सिफारिशें नासिक के कुंभ में लागू की गई थीं, जिससे वह कुंभ शांतिपूर्ण ढंग से निपटा। यूपी पुलिस भी सिफारिशों को ध्यान में रखकर अपनी योजना बना रही है। यह पहला मौका होगा, जब कुंभ प्रयागराज में होगा। कुंभ में लगभग 14-15 करोड़ श्रद्धालुओं के आने का अनुमान है।

सरकार का चेहरा होता है सिपाही

राज्यपाल राम नाईक ने कहा कि पुलिस का सिपाही जनता के लिए सरकार का दिखाई देने वाला चेहरा होता है। उनके प्रशिक्षण, विकास तथा सेवा के हालात में सुधार पर समुचित ध्यान दिया जाना चाहिये। शासन की गुणवत्ता के बारे में लोग अपनी राय जमीनी स्तर पर पुलिसकर्मियों के प्रतिउत्तर और कौशल के आधार पर बनाते रहते हैं। पुलिस अधिकारी व कर्मचारी स्वयं को भ्रष्टाचार से दूर रखें और उनकी प्रतिभा पारदर्शी होनी चाहिये। सरकार की कल्याणकारी योजनाओं की सफलता मुख्यता कानून-व्यवस्था पर निर्भर करती है।

मीडिया को भी दी नसीहत

राज्यपाल राम नाईक ने मीडियाकर्मियोंको भी नसीहत दी। उन्होंने कहा कि कानून-व्यवस्था तथा अधिकारों की जागरूकता में मीडिया का भी महत्पूर्ण दायित्व है। जहां अच्छा काम होता उसका भी प्रकाशन करना उनका दायित्व है। मीडिया की सुरक्षा पुलिस का एक महत्वपूर्ण काम है।

पुलिस कार्रवाई का ब्योरा भी रखा

राज्यपाल ने 20 मार्च 2017 से 29 नवंबर के बीच पुलिस मुठभेड़ व कार्रवाई का ब्योरा भी रखा।


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