राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा- गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए उच्च शिक्षण संस्थानों में नैक मूल्यांकन जरूरी, शिक्षा में यूपी बने अग्रणी
राज्यपाल व कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल ने लखनऊ विश्वविद्यालय की नैक तैयारियों की समीक्षा की। इस मौके पर उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश को शिक्षा के क्षेत्र में अग्रणी राज्य बनाना हमारा लक्ष्य होना चाहिए। उन्होंने एक जनपद एक उत्पाद को भी बढ़ावा देने पर जोर दिया
लखनऊ, राज्य ब्यूरो। राज्यपाल व कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल ने कहा कि प्रदेश में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए उच्च शिक्षण संस्थानों में नैक मूल्यांकन (राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद) जरूरी है। उत्तर प्रदेश देश का बड़ा राज्य है, इसे शिक्षा के क्षेत्र में अग्रणी राज्य बनाना होगा।
राज्यपाल ने राजभवन स्थित प्रज्ञाकक्ष में लखनऊ विश्वविद्यालय की नैक तैयारियों की समीक्षा करते हुए कहा कि विश्वविद्यालय की ओर से नैक मूल्यांकन के लिए अपनी एसएसआर सेल्फ स्टडी रिपोर्ट दाखिल की जा चुकी है। शेष प्रक्रिया में टीम द्वारा मूल्यांकन किया जाना है। राज्यपाल ने विश्वविद्यालय की ओर से की गई तैयारियों की नैक मूल्यांकन के सातों मानक की ङ्क्षबदुवार समीक्षा की। प्रस्तुतीकरण का अवलोकन करते हुए राज्यपाल ने विश्वविद्यालय के कार्यों में विद्यार्थियों की प्रतिभागिता बढ़ाने को कहा।
राज्यपाल ने कहा कि योग्य विद्यार्थियों को विश्वविद्यालय की कार्यवाहक गतिविधियों से जोड़कर उन्हें जिम्मेदारियां संभालना सिखाएं। उन्होंने विश्वविद्यालय परिसर में एक जनपद एक उत्पाद (ओडीओपी) के उत्पादों का प्रदर्शन का स्थल बनाने को भी कहा। विश्वविद्यालय में आए अतिथियों के सम्मान में स्थानीय उत्पाद ही भेंट करने की परंपरा सुनिश्चित की जाए। राज्यपाल ने नैक मूल्यांकन के लिए विश्वविद्यालय में गठित टीम के सदस्यों के कार्यों की जानकारी लेते हुए टीम में निरंतर नए सदस्यों को जोड़ते रहने को कहा। उन्होंने कहा नैक मानदंडों के अनुसार विश्वविद्यालय में निरंतर सुधार करना एक प्रक्रिया है।
बता दें कि दो दिन पूर्व केंद्रीय वाणिज्य मंत्रालय के ओपन नेटवर्क फार डिजिटल कामर्स (ओएनडीसी) से योगी सरकार की महत्वाकांक्षी योजना एक जिला एक उत्पाद में शामिल उत्पाद भी जुड़ गए हैं। ओडीओपी मार्ट डाट काम के यहां आनबोर्ड होने से यह उत्पाद उन सभी ई-कामर्स पोर्टल और एप पर प्रदर्शित होने लगे हैं, जो ओएनडीसी से जुड़े हैं।
इसके फलस्वरूप ओडीओपी कारीगरों और उद्यमियों को ई-कामर्स पोर्टल पर एक बड़े डिजिटल मार्केटिंग ईकोसिस्टम की सुविधा मिलेगी। इस प्रक्रिया से प्रदेश के ओडीओपी हस्तशिल्पी एवं कारीगर विशेष रूप से लाभान्वित होंगे। सहगल ने कहा कि कारीगर ओएनडीसी और ओडीओपी मार्ट के माध्यम से अपने उत्पाद अपनी तय कीमत पर खुद आनलाइन बेच सकेंगे।
इस नेटवर्क पर जुडऩे से देश-विदेश का कोई भी खदीददार ई-कामर्स प्लेटफार्म पर जाकर कोई उत्पाद तलाशेगा तो उस नेटवर्क से जुड़े पोर्टल पर उपलब्ध सभी उत्पाद दिखाई देंगे। इसके अलावा ओएनडीसी पर लाजिस्टिक सुविधा भी उपलब्ध होगी। ग्राहक अपनी इच्छा अनुसार लाजिस्टिक कंपनी से उत्पाद की डिलीवरी ले सकेंगे। इस अवसर पर उद्योग विभाग के आयुक्त एवं निदेशक मनीष चौहान, एमएसएमई के विशेष सचिव प्रदीप कुमार सहित ओएनडीसी से जुड़े प्रतिनिधि उपस्थित थे।