राज्यपाल आनंदीबेन ने किया कर्मयोगी भवन का उद्घाटन, कहा-दीनदयाल उपाध्याय के जीवन दर्शन से लें प्रेरणा
राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने गुरुवार को राजभवन में प्रांतीय सिविल सेवा के 96 परिवीक्षाधीन अधिकारियों से मुलाकात की। राज्यपाल ने अधिकारियों को दिया गुरुमंत्र बोलीं जनता की करें सेवा। दहेज प्रथा व बाल विवाह के निवारण के लिए करें पहल।
लखनऊ, राज्य ब्यूरो। राजभवन में गुरुवार को पंडित दीनदयाल उपाध्याय कर्मयोगी भवन का उद्घाटन राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किया। इस मौके पर राज्यपाल ने कहा कि दीनदयाल उपाध्याय के जीवन दर्शन से प्रेरणा लेकर कर्मचारी कर्मयोगी बनें। उन्होंने कहा कि इस नवीन सचिवालय भवन में राज्यपाल से लेकर राजभवन के अधिकारियों के कार्यालय एक साथ होने से जहां कार्यक्षमता में वृद्धि होगी, वहीं पत्रावलियों को लाने व ले जाने में लगने वाला समय भी बचेगा। कार्य की गोपनीयता एवं पारदर्शिता भी बनी रहेगी।
इस मौके पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय द्वारा दिखाए गए मार्ग पर चलकर हम उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि दे सकते हैं। राज्य सरकार पंक्ति में खड़े अंतिम व्यक्ति को विभिन्न योजनाओं का लाभ दिलाने में पूरी तरह तत्पर है। कार्यक्रम में उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य भी मौजूद रहे। मालूम हो कि राज्यपाल आनंदीबेन पटेल की पहल पर राजभवन में वर्षों से अनुपयोगी पड़े सचिव आवास के भवन का जीर्णोद्धार कर नवीन सचिवालय के रूप में पंडित दीनदयाल उपाध्याय कर्मयोगी भवन निर्मित कराया गया है।
गांव में चौपाल लगाकर ग्रामीणों की समस्याओं का करें समाधान : राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने गुरुवार को राजभवन में प्रांतीय सिविल सेवा के 96 परिवीक्षाधीन अधिकारियों से मुलाकात की। उन्होंने अधिकारियों को गुरुमंत्र दिया कि वह गांव में चौपाल लगाकर ग्रामीणों की समस्याओं का समाधान करें। अपनी जिम्मेदारी समझें और जनता की सेवा को अपना ध्येय बनाएं। आप अपना व्यावसायिक प्रशिक्षण प्राप्त कर अपने-अपने तैनाती क्षेत्र में जा रहे हैं। सरकार व जनता की आपसे बहुत अपेक्षाएं हैं। ऐसे में आपका दायित्व है कि आप अपनी जिम्मेदारी को समझें और सेवा भाव से कार्य करें।
राज्यपाल ने अधिकारियों को सुझाव दिया कि वह आंगनबाड़ी केंद्रों को सुविधा संपन्न बनाएं, क्षय रोग ग्रसित बच्चों को गोद लें। सामाजिक बुराइयों जैसे दहेज प्रथा और बाल विवाह के निवारण के लिए पहल करें। इस मौके पर उप्र प्रशासन एवं प्रबंधन अकादमी के महानिदेशक एल. वेंकटेश्वर लू ने कहा कि श्रेष्ठता के साथ काम करने के लिए कड़ी मेहनत और ईमानदारी की जरूरत होती है। इस मौके पर इन नए अधिकारियों ने परिवीक्षा अवधि में किए गए कार्यों तथा उनसे प्राप्त अनुभव को बांटा। कार्यक्रम में अपर मुख्य सचिव, कार्मिक देवेश चतुर्वेदी भी मौजूद रहे। इसमें प्रांतीय सिविल सेवा वर्ष 2016 के शेष तथा वर्ष 2018 बैच के 96 परिवीक्षाधीन अधिकारी शामिल थे।