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एनआइसी से लिंक होंगी सरकारी बीमा कंपनी, किसानों को जल्‍द मिलेगा क्‍लेम

सरकार करेगी किसान बीमा क्लेम की निगरानी। तीन सरकारी बीमा कंपनियों से हुई शुरुआत।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Thu, 27 Dec 2018 09:21 AM (IST)Updated: Sat, 29 Dec 2018 07:46 AM (IST)
एनआइसी से लिंक होंगी सरकारी बीमा कंपनी, किसानों को जल्‍द मिलेगा क्‍लेम
एनआइसी से लिंक होंगी सरकारी बीमा कंपनी, किसानों को जल्‍द मिलेगा क्‍लेम

लखनऊ, (पुलक त्रिपाठी)। मुख्यमंत्री किसान सर्वहित बीमा योजना का लाभ जल्द ही किसानों को मिल सके, इसके लिए सरकार बड़ा कदम उठाने जा रही है। तीन बड़ी बीमा कंपनियों को एनआइसी पोर्टल से लिंक कराया जाएगा और किसानों को कम समय में बीमा क्लेम का भुगतान कराया जाएगा।

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दरअसल, सरकार की किसान हितकारी योजना के क्रियान्वयन में जांच एजेंसियों की कई बार भ्रष्ट भूमिका सामने आई थी। इसके चलते पीडि़त किसान परिवार को बीमा क्लेम की रकम हासिल करने में काफी परेशानी उठानी पड़ी। ऐसे मामलों को सरकार ने गंभीरता से संज्ञान में लेते हुए बीमा एजेंसियों को एनआइसी से लिंक कराने का फैसला लिया है। अभी फिलहाल तीन सरकारी बीमा कंपनियों युनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस कंपनी, ओरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड व द न्यू इंडिया एश्योरेंस कंपनियां शामिल की गई हैं।

क्या है मुख्यमंत्री किसान सर्वहित बीमा योजना

योजना के तहत यदि किसान की किसी दुर्घटना में मृत्यु हो जाती है तो बीमा कंपनी उसे पांच लाख रुपये का भुगतान करती है। इस योजना के नोडल अफसर जिलाधिकारी होते हैं। आमतौर पर पीडि़त परिवार को बीमा क्लेम के भुगतान में लंबा समय लग जाता था। अब सरकार बीमा कंपनियों को एनआइसी से लिंक करा बीमा क्लेम की स्थिति की खुद निगरानी करेगी, ताकि पीडि़त परिवार को जल्द से जल्द आर्थिक लाभ मिल सके।

क्या है मुख्य कारण

बीमा कंपनियों द्वारा नियुक्त स्वतंत्र जांच एजेंसियों की लापरवाही का नतीजा पीडि़त किसान परिवार को भुगतना पड़ता है। जांच एजेंसी के प्रतिनिधि पीडि़त परिवार पर ही भार डाल देते हैं कि खसरा-खतौनी या फिर पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट भी वही मुहैया कराएं। इससे पीडि़त परिवार पर दोहरी मार पड़ती है। जबकि सभी दस्तावेज एकत्र करने की जिम्मेदारी जांच एजेंसियों की होती है। सरकारी बीमा एजेंसियों के अधिकारियों का मानना है कि एनआइसी से लिंक कराने के बाद सरकार जांच एजेंसियों द्वारा की जा रही देरी व लापरवाही की मॉनिटरिंग कर सकेगी।

उपमहाप्रबंधक देवेंद्र पंत ने बताया कि दावों व उससे संबंधित बीमा क्लेमों को सरकार सीधे मॉनीटर कर सके, इस मकसद से यह कदम उठाया गया है। प्रशासनिक स्तर पर लंबित बिंदु भी सरकार जल्द ही निष्पादित कराएगी। हमारा भी प्रयास है कि पीडि़त परिवार को जल्द से जल्द बीमा राशि उपलब्ध कराई जाए।


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