प्रदेश में किसान और चीनी मिलों के बीच सरकार का गतिरोध
लखनऊ। किसानों ने आज बकाया भुगतान को लेकर पूरे प्रदेश में प्रदर्शन किया। इस दौरान जुलूस, नारेब
लखनऊ। किसानों ने आज बकाया भुगतान को लेकर पूरे प्रदेश में प्रदर्शन किया। इस दौरान जुलूस, नारेबाजी, धरना, पुतला दहन जैसी गतिविधियों के साथ ज्ञापन सौंपा गया। प्रदर्शन में किसानों के इस आंदोलन में भारतीय किसान यूनियन और भाजयुमो कार्यकर्ता नेतृत्व देते नजर आए। किसानों ने सरकार पर सरकार के साथ हाथ मिलाने का आरोप लगाया है। मिल मलिक सरकार से मदद की दरकार लगाए हैं।
गन्ना से जुड़ी समस्याओं को लेकर आज लखीमपुर-खीरी, बहराइच, बलरामपुर, फैजाबाद, बस्ती, गोंडा, शाहजहांपुर समेत पश्चिम के ज्यादातर जिलों में व्यापक प्रदर्शन हुआ। अन्य कुछ जिलों में प्रदर्शन की औपचारिकता निभाई गई। उल्लेखनीय है कि अब तक पिछले सत्र का बकाया गन्ना मूल्य भुगतान नहीं हो पाया है। नया पेराई सत्र फिर आ रहा है। किसान बकाया भुगतान न होने से परेशान है। मिलों पर किसानों का करीब 8392 करोड़ रुपये बकाया है। सरकार से मदद की आस में चीनी मिलों ने तत्काल भुगतान करने को लेकर हाथ खड़े कर दिए हैं।
बकाया भुगतान के लिए सरकार ने 13 चीनी मिलों के खिलाफ आरसी जारी कर दी है। 31 एफआइआर दर्ज हो चुकी है लेकिन करीब 40 भुगतान बाकी है। किसानों ने सरकार पर मिल मालिकों के आगे घुटने टेकने का आरोप लगाया है। पहली बार गन्ना मूल्य घटाकर भुगतान किया गया। 20 रुपये प्रति क्विंटल की दर से कम पैसा दिया गया है।
चीनी मिल मालिकों के मुताबिक कर्नाटक और महाराष्ट्र जैसे राज्यों का एकाधिकार बढ़ने से उत्तर प्रदेश के चीनी उद्योग की हालत खस्ता हो रही है। मिलों पर बिजली मूल्य का करीब 15 सौ करोड़ बकाया है।