अब पॉलिटेक्निक संस्थाएं भी दिलाएंगी नौकरी, फर्स्ट फेज में UP के इन 10 जिलों के छात्रों की बारी
Good News For Polytecnic Studentsपॉलिटेक्निक में प्रवेश करने वाले व पढ़ाई कर रहे छात्रों को पॉलिटेक्निक संस्थाएं दिलाएंगी नौकरी। प्राविधिक शिक्षा विभाग की पहल। संस्थानों में खुला ट्रेनिंग एवं प्लेसमेंट सेल। सेल को ऑनलाइन करन की कवायद भी शुरू।
लखनऊ [जितेंद्र उपाध्याय]। Good News For Polytechnic Students: यदि आप पॉलिटेक्निक में प्रवेश कर रहे हैं या फिर पढ़ाई कर रहे हैं तो आपके लिए अच्छी खबर है। प्राविधिक शिक्षा विभाग न केवल आपको गुणवत्ता युक्त शिक्षा देगा, बल्कि आपको नौकरी भी उपलब्ध कराएगा। यह संभव होगा 'ट्रेनिंग एवं प्लेसमेंट सेल' से। प्रथम चरण में राजधानी समेत प्रदेश के 10 राजकीय पॉलिटेक्निक संस्थानों में यह काम करने लगा है और अब इसे ऑनलाइन करने की कवायद शुरू हो रही है।
प्राविधिक शिक्षा विभाग की ओर से पॉलिटेक्निक संस्थाओं को डिजिटल करने के साथ ही अब विद्यार्थियों को नौकरी दिलाने की जिम्मेदारी भी संस्थान को दी गई है। सेल की ओर से कंपनियों को बुलाकर कैम्पस सेलेक्शन कराया जाएगा। अभी तक उन्हें नौकरी के लिए कंपनियों पर निर्भर रहना पड़ता था। प्लेसमेंट सेल अब न केवल कंपनियों को आमंत्रित करेगा, बल्कि मांग के अनुरूप छात्रों को अतिरिक्त कोर्स कराने का प्रस्ताव भी बनाएगा। पहले चरण में लखनऊ के साथ ही गाजियाबाद, मुरादाबाद, मेरठ, वाराणसी, बरेली, मिर्जापुर, वाराणसी, रायबरेली व प्रयागराज में 'ट्रेनिंग एवं प्लेसमेंट सेल' काम करने शुरू हो गए हैं।
दो लाख छात्रों को होगा फायदा : इस नई व्यवस्था से तीन साल कर डिप्लोमा करने वाले दो लाख से अधिक विद्यार्थियों को हर वर्ष फायदा होगा। प्लेसमेंट सेल आसपास की संस्थाओं के विद्यार्थियों को भी कैम्पस सेलेक्शन के लिए लाया जाएगा। अंतिम वर्ष के छात्रों की परीक्षा से पहले कैम्पस सेलेक्शन किया जाएगा। प्रदेश में 150 सरकारी, 19 सहायता प्राप्त और 1200 निजी संस्थानों में विद्यार्थी पढ़ाई करते हैं।
सेंट्रल प्लेसमेंट सेल करेगा मॉनिटरिंग: 10 संस्थानों में भले ही सेंटर खोला गया हो, लेकिन सभी संस्थानों के विद्यार्थियों को नौकरी देने के अवसर की मॉनिटरिंग के लिए सेंट्रल प्लेसमेंट सेल बनाया गया है। चारबाग के संयुक्त प्रवेश परीक्षा परिषद कार्यालय परिसर में बने मॉनिटरिंग सेल को ऑनलाइन किया जा रहा है। प्राविधिक शिक्षा विभाग के निदेशक जितेंद्र कुमार ने बताया कि कोरोना काल में इसे ऑनलाइन करने की कवायद चल रही है।