पश्चिम बंगाल के बाजारों में गोंडा के आमों की धूम, दशहरी; चौसा-लंगड़ा और गौरजीत की सर्वाधिक डिमांड
विभिन्न प्रजातियों के आम की डिमांड सिलीगुड़ी की बाजारों में सबसे ज्यादा है। 15-20 रुपये प्रति किलो अधिक रेट मिलने से किसान ट्रक के जरिए आम की सप्लाई कर रहे हैं। अब तक 20 टन दशहरी चौसा लंगड़ा व गौरजीत आम पश्चिम बंगाल की बाजारों में भेजा गया है।
गोंडा [ वरुण यादव ]। आम को फलों का राजा कहा जाता है और गोंडा के बागों में तैयार आम इन दिनों पश्चिम बंगाल के बाजारों में राज कर रहे हैं। यहां तैयार हुए विभिन्न प्रजातियों के आम की डिमांड सिलीगुड़ी की बाजारों में सबसे ज्यादा है। 15-20 रुपये प्रति किलो अधिक रेट मिलने से किसान ट्रक के जरिए आम की सप्लाई कर रहे हैं। अब तक जिले से दशहरी, चौसा, लंगड़ा व गौरजीत प्रजाति के 20 टन आम पश्चिम बंगाल की बाजारों में भेजा गया है। इससे बागवानों को अच्छी आमदनी भी हो रही है।
65-70 रुपये प्रति किलो बिक रहा आम
गोंडा के मुजेहना के बनकसिया शिवरतन सिंह गांव निवासी सूबेदार सिंह व पेशकार सिंह के पास 30 एकड़ में आम का बाग लगा हुआ है। इसमें दशहरी, चौसा, लंगड़ा, गौरजीत, सफेदा व गुलाबखास प्रजाति के आम हैं। पेशकार सिंह ने बताया कि उनके बाग में तैयार आम पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी शहर में भेजा रहा है। अब तक 20 टन आम की आपूर्ति हो चुकी है। उन्होंने बताया कि जिले में आम का रेट 30-35 रुपये प्रति किलो है। जबकि, सिलीगुड़ी में इसी आम का मूल्य 65-70 रुपये प्रति किलो है। भाड़ा कम करने के बाद 15-20 रुपये प्रति किलो मुनाफा अधिक मिल रहा है।
सदर तहसील के किसान आम की आपूर्ति पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी में कर रहे हैं। आम तोड़कर आपूर्ति करने से काफी लोगों को रोजगार मिल रहा है। जिले की तुलना में किसानों को सिलीगुड़ी आम भेजने से 15-20 रुपये प्रति किलो अधिक रेट मिल रहा है। - अनिल शुक्ल, उद्यान निरीक्षक, गोंडा
- गोंडा पर एक नजर
- 04 तहसील है जनपद में
- 16 विकासखंड हैं जिले में
- 1214 कुल ग्राम पंचायतें
- 2000 एकड़ में हैं आम के बाग
- 500 बड़े बागवानों की संख्या
- 1500 लोगों को मिल रहा रोजगार
- 10 प्रजातियों के आम का होता है उत्पादन
- 40 रुपये किलो जिले में है आम का रेट