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National Lok Adalat: यूपी में यातायात चालान निपटाने का सुनहरा मौका, जानिए कब और कहां लगेगी राष्ट्रीय लोक अदालत

National Lok Adalat उप राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण ने 11 सितंबर को राष्ट्रीय लोक अदालत में अधिक से अधिक वादों को निपटाने के निर्देश दिए हैं। प्राधिकरण के सदस्य सचिव जितेंद्र सिंह का कहना है कि लोक अदालत के दौरान पुराने लंबित वादों के निस्तारण का लक्ष्य रखा गया है।

By Vikas MishraEdited By: Published: Fri, 10 Sep 2021 09:19 AM (IST)Updated: Fri, 10 Sep 2021 03:43 PM (IST)
National Lok Adalat: यूपी में यातायात चालान निपटाने का सुनहरा मौका, जानिए कब और कहां लगेगी राष्ट्रीय लोक अदालत
यूपी में इस बार कुल करीब 25 लाख वादों का निस्तारण कराने का प्रयास किया जाएगा।

लखनऊ, राज्य ब्यूरो। उप राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण ने 11 सितंबर को राष्ट्रीय लोक अदालत में अधिक से अधिक वादों को निपटाने के निर्देश दिए हैं। प्राधिकरण के सदस्य सचिव जितेंद्र कुमार सिंह का कहना है कि लोक अदालत के दौरान वर्षों पुराने लंबित वादों के साथ-साथ छोटे अपराधों से जुड़े वादों के निस्तारण का लक्ष्य रखा गया है। इस बार कुल करीब 25 लाख वादों का निस्तारण कराने का प्रयास किया जाएगा। इनमें यातायात चालान के 6.5 लाख वाद भी शामिल होंगे। सदस्य सचिव ने बताया कि उप राज्य विधक सेवा प्राधिकरण के कार्यपालक अध्यक्ष/कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश हाई कोर्ट, इलाहाबाद न्यायमूर्ति मुनीश्वर नाथ भंडारी के निर्देशन में राष्ट्रीय लोक अदालत प्रदेश के सभी न्यायालयों व न्यायाधिकरणों में आयोजित होगी।

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लोक अदालत के दौरान सभी प्रकार के शमनीय अपराधिक वाद, धारा 138 एनआइ एक्ट के वाद, बैंकों के बकाया वसूली, मोटर दुर्घटना प्रतिकर, श्रम व रोजगार, वैवाहिक, भू अर्जन, राजस्व वाद जो जिला न्यायालय अथवा उच्च न्यायालय में लंबित हैं, उनका निस्तारण कराया जाएगा। साथ ही यूपी रेरा अपीलेट न्यायालय, राज्य उपभोक्ता प्रतितोष आयोग, सभी जिला उपभोक्ता आयोगों के समक्ष लंबित वाद व ई-चालान का निस्तारण कराया जाएगा। बताया कि प्रदेश में कोरोना काल में हुए यातायात ई-चालान व कोविड 19 गाइडलाइन के उल्लंघन को लेकर किए गए चालानों के निस्तारण के भी निर्देश दिए गए हैं।

विभिन्न कोर्ट में लंबित करीब 10 लाख ऐसे वादों को भी निपटाने का प्रयास रहेगा, जिनमें तीन माह से कम की सजा अथवा जुर्माने का प्रावधान है। उल्लेखनीय है कि पिछली लोक अदालत में 12 लाख से अधिक वादों का निस्तारण कराया गया था। इस बार 25 लाख से अधिक वाद निस्तारित कराने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसे लेकर एक दिन पूर्व शासन स्तर से सभी डीएम व एसएसपी/एसपी को भी कड़े निर्देश दिए गए थे।


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