ठंड में बैक्टीरियल इंफेक्शन की कराएं जांच, दिखने लगे ये लक्षण तो ऐसे करें बचाव Lucknow News
दैनिक जागरण कार्यालय में आयोजित हेलो डॉक्टर कार्यक्रम में लोहिया संस्थान के मेडिसिन विभाग में एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. विक्रम सिंह ने पाठकों के सवालों के जवाब दिए।
लखनऊ, जेएनएन। सर्दी बढ़ते ही लोगों की दिनचर्या भी बदल जाती है। ठंड के चलते जो लोग सुबह-शाम टहलने निकलते हैं, वे बाहर निकलने से कतराने लगते हैं। इतना ही नहीं लोग एक्सरसाइज भी कम कर देते हैं। ऐसे में आलस्य के साथ शरीर में कमजोरी की संभावना बढ़ जाती है। वहीं, ठंड में सांस संबंधी बीमारियां बढ़ जाती हैं। सर्दियों में होने वाली बीमारियों से बचाव के लिए गुरुवार को दैनिक जागरण कार्यालय में आयोजित हेलो डॉक्टर कार्यक्रम में लोहिया संस्थान के मेडिसिन विभाग में एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. विक्रम सिंह ने पाठकों के सवालों के जवाब दिए।
सवाल : जाड़े में मेरा बीपी, शुगर बढ़ जाता है। जांच भी कराई है, मगर दवा नहीं खा रहा हूं, कोई समस्या तो नहीं होगी। (रामचंदर मिश्रा, सुलतानपुर)
जवाब : सर्दियों में फिजिकल एक्टिविटी कम हो जाती है। इसलिए ठंड में भी हल्का-फुल्का व्यायाम करते रहें। सुबह ठंडे पानी से न नहाएं, शुगर व बीपी की जांच कराकर दवा लेते रहें।
सवाल : मेरी आंखें खराब हैं, क्या आयुष्मान कार्ड से इलाज मिल सकता है। (दिनेश तिवारी, बाराबंकी)
जवाब : अगर आप पात्र होंगे तो जरूर इलाज मिलेगा।
सवाल : मुझे दो बार हार्ट अटैक हुआ है। एंजियोप्लास्टी कराई थी, क्या सावधानी बरतनी चाहिए। (आरएस जोशी, लखीमपुर खीरी)
जवाब : बीपी, शुगर को कंट्रोल में रखें, ठंड से बचें, सीने में अगर थोड़ा भी दर्द हो रहा हो तो डॉक्टर की सलाह लेकर दवा की डोज बढ़ा लें, तली-भुनी चीजों से परहेज करें।
सवाल : मेरा पांच साल का बेटा है। कार या स्कूल वैन में बैठने पर उसे चक्कर व उल्टी आने की समस्या है, क्या यह कोई रोग है। (शालिनी मिश्रा, इंदिरानगर)
जवाब : इसे क्लॉस्टोफोबिया बीमारी कहते हैं। इससे कुछ लोगों को एलर्जी होती है। किसी को छोटी जगह में बैठने से, किसी को पेट्रोल से होती है, जिससे उल्टी या चक्कर आते हैं। बेटे को सरकारी अस्पताल में किसी साइकोथेरेपिस्ट को दिखाकर साइकोथेरेपी कराएं। इसमें किसी दवा की जरूरत नहीं होती है।
सवाल : मुझे जाड़े में सुबह जल्दी उठने पर जुकाम की समस्या हो जाती है। (शशि कपूर, चौक)
जवाब : यह एलर्जी है, जिसके लिए एंटी एलर्जी दवा लें, ठीक हो जाएगा।
सवाल : सर्दियों में जुकाम और गले में खराश की समस्या ज्यादा होती है। (शैलेंद्र सिंह, रायबरेली)
जवाब : अगर खराश के अलावा बलगम भी हो तो डॉक्टर को दिखाकर दवा लें।
सवाल : मेरा आठ साल का बेटा है, जब वह तेज बोलता है तो उसका गला फूल जाता है, क्या उसकी थायरॉयड की जांच करानी चाहिए, कान में भी दर्द रहता है। (हरि प्रसाद, कैंट)
जवाब : आप उसे नाक, कान, गले के डॉक्टर को दिखाएं।
सवाल : पीठ में कमर दर्द होता है, क्या यह सर्दी में जकडऩ से होता है। (संजय गुप्ता, हरदोई)
जवाब : ठंड में जोड़ों में दर्द व मांसपेशियों की समस्या पैदा होती है, आप आगे झुककर कोई सामान न उठाएं। किसी फिजियोथेरेपिस्ट से मिलकर बैक इंस्ट्रक्शन एक्सरसाइज सीख लें और घर पर करें।
सवाल : मेरा हार्ट का एक वॉल्व खराब है। डॉक्टर की बताई हुई एक टेबलेट रोज खाता हूं, बीपी भी है, क्या सावधानी बरतें। (हीरा लाल, कैंट)
जवाब : जाड़े में नसें सिकुड़ जाती हैं, जिससे दर्द होता है, आप जो दवा खा रहे हैं डॉक्टर से पूछकर उसकी डोज बढ़ा लें।
सवाल : पत्नी की उम्र 66 वर्ष है, ठंड बहुत लगती है, हार्ट की मरीज हैं, क्या करूं। (जीएस त्रिपाठी, रायबरेली)
जवाब : ठंड से बचकर रहें, मगर चलना-फिरना बंद न करें। शारीरिक क्रियाएं करती रहें। धूप निकलने के बाद ही टहलने जाएं, 1600 से 1800 कैलोरी ही लें।
सवाल : सांस का मरीज हूं, सीओपीडी का मरीज हूं, जाड़े में ज्यादा दिक्कत होती है, क्या करूं। (टीएल विश्वकर्मा, गोंडा)
जवाब : जाड़े में क्रॉनिक ऑब्सट्रैक्टिव पल्मोनरी डिसीज (सीओपीडी) की समस्या बढ़ जाती है, डॉक्टर से पूछकर दवा लें, इंफ्लुएंजा, नीमोवैक वैक्सीन लगवा लें।
सवाल : दो बार हार्ट अटैक हुआ है, क्या इससे हार्ट कमजोर हो जाता है, पैर व पेट में सूजन भी है। (आरएस जोशी, लखीमपुर)
जवाब : ब्लड वेसेल्स में वसा ज्यादा भरने से ब्लड सप्लाई सुचारु रूप से नहीं हो पाती है, आप एंजियोप्लास्टी व ईको जांच कराएं।
सवाल : नीमोवैक या नीमोकोल क्या एक ही दवा है। (ललित रावत, विकासनगर)
जवाब : जी हां यह एक ही दवा है।
सवाल : खाना या मीठा, नमकीन खाने के बाद शरीर के दाएं हिस्से की पसलियों में दर्द होता है, क्या यह हार्ट की समस्या है। (अनिल टंडन, गोमतीनगर)
जवाब : सीने में होने वाले सारे दर्द कार्डियक पेन नहीं होते हैं।
सवाल : शरीर में खुजली से परेशान हूं, क्या करूं। (उमेश जायसवाल, बहराइच)
जवाब : सर्दियों में स्कैबीज का खतरा भी रहता है। डॉक्टर को दिखाकर इलाज कराएं, परिवार के सभी सदस्य अपने कपड़े गर्म पानी में धोएं, एक-दूसरे की तौलिया, कंघा व अन्य सामान न इस्तेमाल करें।
सवाल : सर्दी में खांसी, सांस की शिकायत है, क्या करूं। (राजू, लखीमपुर)
जवाब : सर्दियों में ऊपर की सांस की नली में वायरल इंफेक्शन हो जाते हैं, गर्म पानी में नमक डालकर गरारा करें।
सवाल : जाड़े में हमेशा जुकाम रहता है। (डॉ. नीरज गुप्ता, हरदोई)
जवाब : एलर्जिक रायनायटिस हो जाता है जो किसी विशेष खानपान, जगह या चीज से होता है, इसकी जांच कराएं।
सवाल : मेरी मां की उम्र 68 साल है, पेट खराब रहता है, कब्ज की शिकायत है। (सुनील पांडेय अयोध्या)
जवाब : फाइबर युक्त भोजन का सेवन करें, भोजन में सब्जियां, सलाद, फल की मात्रा बढ़ाएं, पानी खूब पीएं, वॉक करें।
सवाल : मेरे दादा की उम्र 52 साल है, रोज शाम को एक ही समय पर उनको ठंड लगती है, बुखार भी रहता है।(दिवाकर शर्मा, अंबेडकरनगर)
जवाब : उनकी इंफेक्शन की जांच कराएं। अगर सामान्य रूप से जाड़ा लगता है तो चिंता की बात नहीं है। हीटर या आग जलाकर कमरा गर्म रखें, ठंड से बचाएं, समस्या गंभीर हो तो डॉक्टर को दिखाएं।
सवाल : मुझे करीब 16 साल से अस्थमा है, केजीएमयू में इलाज चल रहा है, हर साल इंजेक्शन लगाए जाते हैं, क्या कोई इंजेक्शन लंबी अवधि के लिए भी आता है। (शशांक धर द्विवेदी, गोंडा)
जवाब : हर साल वायरस परिवर्तन होता है इसलिए हर साल इंफ्लुएंजा का इंजेक्शन लगता है। न्यूमोकोकल वैक्सीन पांच साल में एक बार लगती है।
सर्दियों में होने वाले संक्रमण के लक्षण
- जाड़े में अपर रेस्पिेटरी इंफेक्शन यानी श्वांस संबंधी संक्रमण ज्यादा होता है, जिसमें हल्का बुखार, गले में खराश, खांसी, सिरदर्द हो जाता है। यह दो तरह का होता है, वायरल और बैक्टीरियल
- यदि बुखार ज्यादा है और पीले रंग का बलगम आ रहा है तो बैक्टीरियल इंफेक्शन की संभावना बढ़ जाती है। ज्यादातर लोगों में वायरल इंफेक्शन होता है
- सामान्य सर्दी-जुकाम हो तो यह वायरल इंफेक्शन होता है
- ठंड में अस्थमा, क्रॉनिक ऑब्सट्रैक्टिव पल्मोनरी डिसीज (सीओपीडी) बीमारियां भी जाती हैं
- ठंड में बीपी की समस्या भी बढ़ती है। रक्त नलिकाएं ठंड की वजह से सिकुड़ती हैं, साथ ही कसरत कम होती है जिससे बीपी बढ़ जाता है। इससे ब्रेन स्ट्रोन (पैरालाइज या फालिज) की संभावना बढ़ जाती है।
ठंड में ऐसे करें बचाव
- बैक्टीरियल इंफेक्शन में डॉक्टर की सलाह पर एंटी बायोटिक दवाएं लें
- वायरल इंफेक्शन में सिर्फ गर्म पानी में नमक मिलाकर गरारा करने से आराम मिलता है
- सुबह-सुबह बाहर टहलने से बचें, धूप निकलने के बाद ही निकलें। ठंडी हवाओं से बचें
- ठंडे पानी के बजाय गुनगुने पानी से नहाएं, ठंडे पानी से ब्रेन स्ट्रोक हो सकता है
- रेगुलर बीपी की मॉनीटङ्क्षरग करें और अपनी दवाएं डॉक्टर से परामर्श लेकर बढ़ा लें
- इंफ्लुएंजा वैक्सीन हर साल लगाई जाती है, जबकि न्यूमोकोकल वैक्सीन पांच साल में एक बार लगाई जाती है। ये वैक्सीन दो साल से कम उम्र के बच्चे, बुजुर्ग, सांस के रोगी और गर्भवती महिलाओं को जरूर लगवानी चाहिए।