सावधान! LDA में दलालों का गैंग हावी, बिना आवेदन के निरस्त हो गया आवंटी का फ्लैट; जानिए क्या है पूरा मामला
Scam in LDA लखनऊ विकास प्राधिकरण (लविप्रा) में दलालों का गैंग किस तरह हावी है इसका अंदाजा लगाना काफी मुश्किल है। बिना आवेदन के आवंटी का फ्लैट निरस्त हो जाता है। यही नहीं फ्लैट निरस्त होने के बाद पूरा पैसा पैसा ब्याज सहित खाते में भी आ जाता है।
लखनऊ, जागरण संवाददाता। लखनऊ विकास प्राधिकरण (लविप्रा) में दलालों का गैंग किस तरह हावी है, इसका अंदाजा लगाना काफी मुश्किल है। बिना आवेदन के आवंटी का फ्लैट निरस्त हो जाता है। यही नहीं, फ्लैट निरस्त होने के बाद पूरा पैसा पैसा ब्याज सहित खाते में भी आ जाता है। यह पूरा कारनामा दलाब और बाबू ने मिलकर किया है। आवंटी प्रीति मिश्रा ने देवपुर पारा में वर्ष 2016 में एक फ्लैट आवंटन कराया था। इसके बाद भी लविप्रा सात साल तक कब्जा नहीं दे सका। दलाल ने खुद को लविप्रा का बाबू बताते हुए फोन किया और पूरी जानकारी ली। फिर सप्ताह भर के भीतर फ्लैट का आवंटन निरस्त हो गया।
कानपुर निवासी प्रीति मिश्रा का तर्क है कि विश्वास में लेकर धोखा दिया गया है। ऐसे तो लखनऊ विकास प्राधिकरण की संपत्ति बिकने से रही। वहीं अब पहले आओ पहले पाओ योजना में वहीं फ्लैट सस्ते में दिलवाने की बात कर रहा है। कुल मिलाकर लविप्रा को एक गैंग चूना लगा रहा है। आवंटी को देवपुर पारा में एसएमआइजी टॉवर में एसडब्ल्यू/1708/बी-4 में बुक कराया था। आवंटी काे दो साल बाद भी बताया गया कि काम चल रहा है, जबकि निजी एजेंसी काम छोड़कर भाग चुकी थी, यही नहीं वर्तमान में फिनिशिंग का पूरा काम बाकी है। इसके अलावा बिजली का काम नहीं हो सका है।
महीनों से टालमटोल चल रहा है। इससे आवंटियों का मनोबल टूटता जा रहा है। आवंटी प्रीति मिश्रा ने बताया कि दलाल अब फोन करके डेढ़ लाख रुपये वापस मांग रहा है, इसके अलावा ब्याज की राशि भी। तर्क दिया जा रहा है कि यह पैसा ज्यादा आपके खाते में चला गया है। दलाल ने बकायदा खाता नंबर 0276104000192279 दिया है। आइएफसी कोर्ड आइबीकेएल 0000276 है और बैंक आइडीबीई और ब्रांच आलमबाग की है। इस पूरे कॉकस में एक गैंग पूरी तरह सक्रिय है। फिलहाल आवंटी के खाते में फ्लैट निरस्तीकरण का पूरा पैसा आ चुका है।
दलाल बोला मैं यही काम करता हूंः दलाल ने फोन पर बताया कि वह लविप्रा में काम करता है, लेकिन जिम्मेदारी देवपुर पारा की है, इसलिए साइड पर ज्यादा रहता है। यहां आने वाले आवंटियों की मदद करता है। अगर आवंटी पैसा वापस लेना चाहते हैं तो लविप्रा जाकर सात से दस दिन में रिफंड करवा देता है। इसके एवज में आवंटी जो चाहे दे या न दे, उस पर कोई फर्क नहीं पड़ता।