एनएनयू की दीवारों में सीलन और फंगस
=क्वीनमेरी अस्पताल के एनएनयू वार्ड का मामला =सप्ताह भर बाद खुरची गई फंगस और पपड़ी जागरण
=क्वीनमेरी अस्पताल के एनएनयू वार्ड का मामला
=सप्ताह भर बाद खुरची गई फंगस और पपड़ी
जागरण संवाददाता, लखनऊ: क्वीनमेरी अस्पताल के एनएनयू वार्ड में सीलन की वजह से दीवारों पर फंगस लग गई। वार्ड में गंभीर हालत में नवजातों को भर्ती किया जाता है। इसके बाद भी अस्पताल प्रशासन की लापरवाही साफ नजर आती है। सप्ताह भर से उसे ठीक नहीं किया गया, तीमारदार की शिकायत के बाद मंगलवार दोपहर बाद दीवारों को खुरचा गया, लेकिन सीलन अभी भी बरकरार है। जिसकी वजह से नवजातों को संक्रमण का खतरा है।
क्वीनमेरी अस्पताल में 17 बेड का एनएनयू वार्ड है। जिसमें अस्पताल में पैदा होने वाले नवजातों की हालत गंभीर होने पर भर्ती किया जाता है। वार्ड की दीवारों पर काफी समय से सीलन आ रही थी, जिसमें लगभग सप्ताह भर से फंगस और पपड़ी भी जम गई। इसके बाद भी वहीं इसी में नवजातों को भर्ती किया जा रहा था। केजीएमयू की ओर से आला अधिकारी कई बार एनएनयू वार्ड आये और उन्होंने उसे ठीक करवाने के निर्देश भी दिये। वहीं एक तीमारदार ने इसकी शिकायत भी की। इसके बाद मंगलवार दोपहर में एनएनयू की दीवारों से फंगस और पपड़ी को खुरचा गया। विशेषज्ञ डॉक्टरों के अनुसार नवजातों की रोग प्रतिरोधक क्षमता काफी कम होती है। जिसकी वजह से उन्हें इंफेक्शन का खतरा ज्यादा होता है। वहीं एनएनयू में सांस में तकलीफ और लो इम्युनिटी के नवजात होते हैं। इसलिए इन सब जगह किसी भी तरह का संक्रमण नहीं होना चाहिए। दीवारों में सीलन और फंगस लगने से नवजातों को सांस में दिक्कत और स्किन इंफेक्शन भी हो सकता है।
वर्जन
छत में ब्लॉकेज की वजह से एनएनयू की दीवारों में सीलन उतर आई थी। जिससे पपड़ी जम गई थी, पपड़ी खुरच दी गई है, सीलन सूखने में थोड़ा समय लग सकता है। नवजातों को सीलन की दीवारों से दूर रखा गया है।
डॉ.एसएन शंखवार, सीएमएस, केजीएमयू