लखनऊ में एक क्लीनिक ऐसी जहां होता है अन्याय का इलाज, जरूरतमंदों को दी जाती है विधिक राय
विवि की प्रवक्ता डा.अलका सिंह ने बताया कि विद्यार्थियों के साथ ही प्रोफेसर क्लीनिक में बैठते हैं। कोरोना के चलते क्लीनिक ऑनलाइन है लेेकिन जिस तबके के लिए क्लीनिक खुली है ऐेसे लोगों के पास स्मार्ट फोन नहीं होता। ऐसे में जल्द ही एक बार फिर क्लीनिक शुरू होगी।
लखनऊ, [जितेंद्र उपाध्याय]। क्लीनक का नाम आते ही आपके जेहन में बीमारी से इलाज की बात घर कर जाती है, लेकिन हम आपको एक ऐसी क्लीनिक के बारे में बताते हैं जहां अन्याय का विधिक तरीके से इलाज किया जाता है। आप चौंक तो नहीं गए, लेकिन यह सच है। राजधानी के आशियाना में स्थापित डा.राम मनोहर लोहिया राष्ट्रीय विधि विवि में ऐसी क्लीनिक काम करती है। कोरोना संक्रमण के चलते ऑनलाइन सलाह दी जाती है। 2015 में डॉ.राम मनोहर लोहिया राष्ट्रीय विधि विश्व विद्यालय में अधिकारों को दिलाने के लिए खुली निश्शुल्क क्लीनिक के प्रभारी रहे प्रो.केए पांडेय ने बताया कि गरीबों के हक दिलाने के लिए और लीगल एडवाइज देने के लिए यह अनोखी क्लीनिक खुली है।
विवि की प्रवक्ता डा.अलका सिंह ने बताया कि विद्यार्थियों के साथ ही प्रोफेसर क्लीनिक में बैठते हैं। कोरोना के चलते इस समय क्लीनिक ऑनलाइन है, लेेकिन जिस तबके के लिए क्लीनिक खुली है, ऐेसे लोगों के पास स्मार्ट फोन नहीं होता। कोरोना संक्रमण के बाद एक बार फिर क्लीनिक शुरू होगी।
इनकोे मिली राहत
आशियाना के राम सेवक जेल में बंद थे। उनके दादा के नाम की प्रापर्टी को नाम बदलकर हड़प लिया गया। उनकी आवाज कोई सुन नहीं रहा था। लीगल क्लीनिक पहुंचे ताे डॉ.केए पांडेय ने मामले को लेकर लीगल नोटिस के माध्यम से उनकी आवाज को बुलंद की। अकेले राम सेवक ही नहीं सरोजनीनगर के राकेश व राम नरेश एक हजार से अधिक लोगों को क्लीनिक से राहत मिली है।
'लीगल क्लीनिक अपनी तरह की इकलौती क्लीनिक है जहां लीगल एडवाइज देकर आर्थिक रूप से कमजोर की मदद की जाती है। कोरोना संक्रमण काल में प्रवासी मजदूरों की सहायता में क्लीनिक ने अपनी सशक्त भूमिका निभाई है। कुलपति प्रो.एसके भटनागर के निर्देशन में इसका संचालन जारी है।' -डॉ.मनीष सिंह, प्रभारी लीगल क्लीनिक