पूर्व डीजीपी हुए ठगी का शिकार, इस कंपनी पर दर्ज की FIR
पूर्व डीजीपी ने उबर कंपनी पर दर्ज कराई एफआइआर ट्रिप निरस्त करने के बाद भी एकाउंट से कटे पैसे।
जागरण संवाददाता, लखनऊ। कैब चालकों की मनमानी कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। चालकों के इस अराजकता में कंपनियां भी उनका सहयोग कर रही हैं। एक ऐसा ही वाकिया पूर्व डीजीपी सुलखान सिंह के साथ हुआ है। उबर कंपनी की ठगी का शिकार हुए पूर्व डीजीपी सुलखान सिंह ने गोमतीनगर थाने में एफआइआर दर्ज कराई है। सुलखान सिंह के मुताबिक उन्होंने रविवार को उबर कंपनी से गाड़ी बुक किया था। काफी देर तक उन्हें गाड़ी का ड्राइवर गुमराह करता रहा और बाद में उसने ट्रिप निरस्त कर दी।
आरोप है कि चालक के टिप कैंसिल करने के बाद पूर्व डीजीपी ने दूसरे कंपनी की गाड़ी बुक कराई और अपने गंतव्य को चले गए। कुछ समय बाद वापस लौटने पर उन्होंने अपना ई-मेल चेक किया तो खाते से 52 रुपये कटने का मैसेज आया था। यह देख पूर्व डीजीपी हैरान रह गए। सुलखान सिंह के मुताबिक उनके पास उबर चालक की ओर से यात्रा निरस्त करने का मैसेज आया था। बावजूद इसके उल्टा उन्हीं के खाते से रुपये लेने का मेल भेज दिया गया। पीड़ित पूर्व डीजीपी का आरोप है कि इसके पहले भी कई बार वह कंपनी की ओर से किए जा रहे जालसाजी के शिकार हो चुके हैं। उन्होंने इसकी शिकायत कंपनी में की तो उन्हें ठगी की रकम वापस मिल गई। कंपनी की ओर से इस तरफ कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। कंपनी का कहना है कि अगर ग्राहक को लगता है कि पैसा गलत तरीके से कटा है तो उसे एप शिकायत करनी चाहिए पैसा रिफंड हो जाता है।
अगली यात्र में वसूलते हैं रुपये
पूर्व डीजीपी ने बताया कि चालक खुद से यात्र निरस्त कर देते हैं। इसके बाद कंपनी यात्री को अगली टिप बुक करने से पहले 52 रुपये का भुगतान करने को कहती है। जब तक यात्री भुगतान नहीं करता वह उबर की गाड़ी बुक नहीं कर सकता। इसका फायदा उठाकर कंपनी व चालक लोगों से जबरन वसूली कर रहे हैं। सुलखान सिंह ने बताया कि उन्होंने कंपनी के खिलाफ जालसाजी और जाली दस्तावेज बनाने की एफआइआर दर्ज कराई है।
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