लखनऊ में प्लॉट बेचने के नाम पर धोखाधड़ी मामला, शाइन सिटी-इरेक्टर के निदेशक की जमानत अर्जी खारिज
लाखों रुपये लेकर प्लाट का कब्जा नहीं देने के व एक अन्य मामले में निरुद्ध शाइन सिटी इरेक्टर के निदेशक चमन ल दिवाकर की जमानत अर्जी भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की विशेष अदालत ने खारिज कर दी है। कम्पनी में एक स्कीम में निवेश की लाखों की रकम भी हड़प ली।
लखनऊ, विधि संवाददाता। लाखों रुपये लेकर प्लाट का कब्जा नहीं देने के एक मामले में निरुद्ध शाइन सिटी इरेक्टर के निदेशक चमन लाल दिवाकर की जमानत अर्जी भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की विशेष अदालत ने खारिज कर दी है। अदालत ने इसके साथ ही कम्पनी की एक स्कीम में निवेश की गई लाखों की रकम हड़पने के दूसरे मामले में भी इसकी जमानत अर्जी खारिज कर दी है।
विशेष जज अजय श्रीवास्तव ने अपने आदेश में इसके अपराध को बेहद गंभीर करार दिया है। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट की एक नजीर का हवाला देते हुए कहा है कि लोक लुभावनी फर्जी स्कीमे दिखाकर जनता के करोड़ों रुपए हड़पने वाले लोगों द्वारा किया गया ऐसा अपराध हत्या की श्रेणी में मानना चाहिए। क्योंकि वह आम जनता की जीवनभर की गाढ़ी कमाई का पैसा लेकर उन्हें बरबाद कर देते हैं।
सरकारी वकील अमित अवस्थी व कमल अवस्थी के मुताबिक पहले मामले की रिपोर्ट धर्मेन्द्र सक्सेना जबकि दूसरे मामले की नित्यानंद मौर्य ने थाना गोमतीनगर में दर्ज कराई थी। इओडब्ल्यू की जांच में यह सामने आया कि अभियुक्त शाइन सिटी नाम की कई अन्य परियोजनाओं में भी निदेशक है। इस मामले में शाइन सिटी का प्रबंध निदेशक राशिद नसीम व अन्य निदेशक आसिफ नसीम तथा फैज अहमद आदि भी नामजद हैं।