नगर निगम को लगा दो करोड़ से ज्यादा का चूना, फर्जी रेट लिस्ट से खरीद गया महंगा पुर्जा
लखनऊ में नगर निगम को पुर्जे सप्लाई करने वाली एजेंसियों से वसूली का नोटिस जारी अधिकारियों और कर्मचारियों की गर्दन भी फंसी।
लखनऊ, जेएनएन। नगर निगम में तैनात कुछ नटवरलाल कर्मचारियों ने ऐसा खेल खेला कि अफसर चकित रह गए। कंप्यूटर से वाहनों के पुर्जों की कीमत की फर्जी सूची बनाकर उसी हिसाब से खरीदारी कर ली गई थी। यह खेल कई साल से नगर निगम की वर्कशॉप में चल रहा था, लेकिन पिछले साल जून से खरीदे गए करीब 53 हजार किस्म के पुर्जों की जांच में हकीकत सामने आई है। करीब डेढ़ से दो करोड़ का अधिक भुगतान किया गया था। अब पुर्जों की आपूर्ति करने वाली फर्म के साथ ही दोषी अधिकारियों और कर्मचारियों की गर्दन में जांच का फंदा फंस गया है।
नगर निगम के मुख्य अभियंता (वर्कशॉप और कूड़ा प्रबंधन) राम नगीना त्रिपाठी का कहना है कि उन्हें पुर्जों की कीमत में मनमानी दर को लेकर शक हुआ था और पड़ताल करने के साथ ही नगर आयुक्त से जांच कराने को कहा था। इसके बाद से ही यह हकीकत सामने आई है। नगर आयुक्त ने अपर नगर आयुक्त अमित कुमार को जांच सौंपी थी। इसमें कुछ समय तेल चोरी में निलंबित किए कर्मचारी और स्टोर कीपर का काम देख रहे एक लिपिक की भूमिका पाई गई है, जिसने फर्जी रेट लिस्ट तैयार की थी। फिलहाल अभी कई बिंदुओं पर जांच जारी है।
यह है मामला
नगर निगम में विभिन्न तरह के वाहनों की मरम्मत के लिए 53 हजार किस्म के गाड़ी के पुर्जों की खरीद की जाती है। नगर निगम में करीब साढ़े चार सौ वाहनों की समय-समय पर मरम्मत के लिए पुर्जे खरीदे जाते हैं। इसका सालाना बजट भी करीब बारह करोड़ है, जिसे नगर निगम कार्यकारिणी समिति ने पुनरीक्षित बजट में 13 करोड़ कर दिया था। अब कुछ एजेंसी से यह पुर्जे खरीदे गए थे और हर पुर्जे की कीमत को बाजार दर से अधिक भुगतान किया गया था। लंबे समय से नगर निगम में यह खेल चल रहा था। मुख्य अभियंता रामनगीना त्रिपाठी कहते हैं कि कुछ वर्ष पूर्व खरीदे गए पुर्जों की कीमत की पत्रावलियां को निकाला जा रहा, जिसका भी परीक्षण कराया जाएगा।