Fraud in Lucknow: तीन सगे भाई मिलकर चलाते थे जालसाजी की कंपनी, स्पूफिंग तकनीक का करते थे प्रयोग
जालसाजों ने गुजरात अहमदाबाद निकोई के पटेल कौशिक कुमार विष्णु भाई को केएफसी की फ्रेंचआइजी दिलाने के नाम पर छह लाख से अधिक रुपये ठगे थे। पटेल ने भी केएफसी के नाम से गूगल पर साइट सर्च की थी। सर्च करते ही जालसाजों द्वारा बनाई गई साइट खुली थी।
लखनऊ, जागरण संवाददाता। बिहार के नालंदा से गिरफ्तार जालसाजों में सच्चिदानंद और विवेकानंद दोनों सगे भाई हैं। दोनों अपने बड़े भाई सुमन के साथ मिलकर जालसाजी की तिकड़ी चलाते थे। सुमन पूरे गिरोह को लीड करता था। तीनों ने मिलकर गिरोह के अन्य साथियों के साथ लखनऊ के अलावा गुजरात, महाराष्ट्र समेत कई अन्य राज्यों के व्यवसायियों को भी अंतरराष्ट्रीय नामचीन कंपनियोंं की फ्रेंचाइजी दिलाने के नाम पर ठगी की थी।
गुजरात के व्यवसायी से ठगे थे छह लाख से अधिक : जालसाजों ने गुजरात अहमदाबाद निकोई के पटेल कौशिक कुमार विष्णु भाई को केएफसी की फ्रेंचआइजी दिलाने के नाम पर छह लाख से अधिक रुपये ठगे थे। पटेल ने भी केएफसी के नाम से गूगल पर साइट सर्च की थी। सर्च करते ही जालसाजों द्वारा बनाई गई साइट खुली थी। उसके बाद उसका पेज खुला डिटेल मांगी गई। पटेल ने उसे भर दिया। इसके बाद पटेल के पास कंपनी से फोन आया। उसने पटेल से सारी डिटेल ली। इसके बाद सुमन को केएफसी का नेशनल हेड बताते हुए बात कराई। सुमन ने पटेल को जाल में फंसाकर उनसे खाते में बीते चार अगस्त को 6.5 लाख रुपये डलवा लिए। इसके बाद मोबाइल बंद कर दिया। गिरफ्तारी की टीम में शामिल साइबर क्राइम सेल के पुलिस कर्मियों ने बताया कि जालसाजों ने गुजरात और यूपी के अलावा महाराष्ट्र समेत कई अन्य राज्यों के व्यवसायियों से ठगी की थी। साइबर क्राइम सेल के इंस्पेक्टर मथुरा राय ने बताया कि सुमन और उसके एक अन्य साथी की गिरफ्तारी के लिए दबिश दी जा रही है। उनकी गिरफ्तारी के बाद गिरोह के बारे में और भी काफी जानकारी मिलेगी।
यह था मामला : नामचीन अंतरराष्ट्रीय कंपनियोंं की फ्रेंचआइजी दिलाने के नाम पर स्पूफिंग तकनीक का इस्तेमाल कर करोड़ों रुपये की ठगी करने वाले तीन जालसाजों को साइबर क्राइम सेल ने बिहार के नालंदा से गिरफ्तार किया था। पुलिस ने उनके पास से 30 लाख रुपये, एक लक्जरी कार, मोबाइल फोन बरामद किये थे। आरोपितो में सच्चिदानंद उर्फ बिट्टू निवासी, नालंदा कतरीसाराय पलटपुर (शिक्षा बीएससी), शिवेंद्र निवासी सीतामढ़ी सोनवरसा फरचइयां (शिक्षा बीटेक), विवेकानंद उर्फ मुन्ना निवासी पलटपुर (शिक्षा एमबीए मार्केटिंग) हैं। वहीं, गिरोह का सरगना सुमन और उसका साथी कन्हैया अभी भी फरार है।