सीतापुर में चार हजार वर्ष प्राचीन धातु मिली, देहरादून प्रयोगशाला में जांच
हड़प्पा सभ्यता की समकालीन ताम्र युगीन सभ्यता की चार हजार वर्ष प्राचीन धातु ताम्र निधि खेत से मिली है। पुरातत्व विभाग ने कब्जे में ले लिया है।
सीतापुर (जेएनएन)। हड़प्पा सभ्यता की समकालीन ताम्र युगीन सभ्यता की चार हजार वर्ष प्राचीन धातु ताम्र निधि (एंथोपोमार्त) एक खेत से मिली है। पुरातत्व विभाग लखनऊ की टीम ने इसे कब्जे में ले लिया है। इसे देहरादून स्थित पुरातत्व विभाग की प्रयोगशाला भेजा जाएगा। वहां परीक्षण के बाद वास्तविक स्थितियां ज्ञात होंगी। उन्होंने बताया कि बारिश के बाद वह क्षेत्र में आएंगे और पुरातत्व महत्व की संभावनाएं तलाश करेंगे। हो सकता है क्षेत्र में कुछ और भी अवशेष मिलें। वैसे इस तरह की धातु गंगा-जमुना के तटीय क्षेत्रों में भी मिलती रही हैं जिन पर पहले से प्रयोगशाला में शोध चल रहा है।
इटौवा किशुन गांव निवासी शिक्षक रामनरेश वर्मा के खेत में गन्ना बोवाई के लिए जोताई हो रही थी। इसी दौरान मजदूर नरेंद्र को अजीब धातु का एक टुकड़ा मिला। नरेंद्र इसे अपने घर ले गया। अन्य मजदूरों से जानकारी पाकर रामनरेश ने इसे ले लिया। रामनरेश ने महानिदेशक पुरातत्व विभाग नई दिल्ली को इस आशय का मेल किया। इसके बाद पुरातत्व विभाग लखनऊ से दो सदस्यीय टीम उप अधीक्षक मनोज कुमार सक्सेना व अजय कुमार मंगलवार को गांव पहुंचे। रामनरेश वर्मा से ताम्र निधि अपने कब्जे में लेकर परीक्षण किया। टीम ने मजदूर नरेंद्र से भी बात की। खेत जाकर स्थलीय निरीक्षण भी किया। मनोज कुमार सक्सेना ने बताया कि बरामद धातु का वजन 2.700 किलोग्राम है। लंबाई 11.5 इंच व चौड़ाई 15 इंच है। यह हड़प्पा सभ्यता के समकालीन ताम्र युगीन सभ्यता की धातु है, जो चार हजार वर्ष पुरानी है।