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अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि पर नींव की खोदाई के साथ मंदिर का निर्माण आरंभ, फरवरी से लगेंगे पत्थर

ट्रस्ट के महासचिव चंपतराय ने बताया कि जन्मभूमि की सतह के नीचे की मिट्टी की जांच तीन बार कराई गई ताकि कोई चूक न होने पाए। विशेषज्ञों ने गंभीर मंथन के बाद नींव की श्रेष्ठतम डिजाइन तैयार की है। अब इसी के अनुरूप नींव की खोदाई प्रारंभ हो गई है।

By Umesh Kumar TiwariEdited By: Published: Mon, 18 Jan 2021 09:40 PM (IST)Updated: Tue, 19 Jan 2021 07:42 AM (IST)
अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि पर नींव की खोदाई के साथ मंदिर का निर्माण आरंभ, फरवरी से लगेंगे पत्थर
अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि पर रामलला के भव्य और दिव्य मंदिर निर्माण की प्रतीक्षा अब समाप्त होने को है।

अयोध्या, जेएनएन। उत्तर प्रदेश के अयोध्या में भगवान श्रीराम के मंदिर निर्माण की प्रतीक्षा अब समाप्त हो गई है। श्रीराम जन्मभूमि पर नींव की खोदाई के साथ ही रामलला का भव्य और दिव्य मंदिर निर्माण आरंभ हो गया है। जन्मभूमि के नीचे की मिट्टी जांच, भूमि के समतलीकरण और नींव की डिजाइन पर चर्चा की खबरें लगातार आ रही थी, लेकिन अब वहां नींव की खोदाई शुरू हो गई है। इसके साथ राममंदिर निर्माण की तिथि को लेकर लग रही अटकलों पर विराम लग गया।

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श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपतराय ने सोमवार को यह बात नई दिल्ली में सार्वजनिक की। एक न्यूज चैनल से वार्ता में उन्होंने यह भी बताया कि फरवरी से पत्थरों को लगाने का कार्य भी प्रारंभ हो जाएगा। तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव ने बताया कि श्रीराम जन्मभूमि की सतह के नीचे की मिट्टी की जांच तीन बार कराई गई ताकि कोई चूक न होने पाए। विशेषज्ञों ने गंभीर मंथन के बाद नींव की श्रेष्ठतम डिजाइन तैयार की है। इस पर ट्रस्ट ने मुहर लगा दी है। अब इसी के अनुरूप नींव की खोदाई प्रारंभ हो गई है।

फरवरी से 39 माह की अवधि में पूरा होगा निर्माण : श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपतराय ने स्पष्ट किया कि फरवरी से 39 माह की अवधि में मंदिर का निर्माण पूरा किए जाने का लक्ष्य है। 39 माह में मंदिर निर्माण पूर्ण होने का लक्ष्य गत वर्ष पांच अगस्त से तय किया गया था, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राम मंदिर के लिए भूमि पूजन किया था।

पूर्व निर्धारित डिजाइन में आमूल-चूल परिवर्तन : श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने तभी से निर्माण की दिशा में युद्धस्तर पर प्रयास शुरू किया, पर परीक्षण में श्रीराम जन्मभूमि की सतह के नीचे भुरभुरी बालू होने की वजह से पूर्व निर्धारित नींव की डिजाइन में आमूल-चूल परिवर्तन करना पड़ा। मंदिर निर्माण की कार्यदायी संस्था एलएंडटी सहित टाटा कंसलटेंट इंजीनियर्स और आइआइटी चेन्नई, मुंबई, दिल्ली आदि संस्थाओं सहित नेशनल बिल्डिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट के विशेषज्ञों ने अध्ययन, परीक्षण और विमर्श के अनेक चरणों से गुजरते हुए नए सिरे से नींव की डिजाइन तय की है। चंपत राय ने कहा कि नींव की डिजाइन में कुछ परिवर्तन करना पड़ा, लेकिन विशेषज्ञों ने श्रेष्ठ डिजाइन तैयार की है।

पांच अगस्त, 2020 को पीएम मोदी ने किया था भूमिपूजन : नौ नवंबर, 2019 को सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद पांच अगस्त, 2020 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने श्रीराम मंदिर निर्माण के लिए भूमिपूजन किया था, जिसके बाद से लगातार निर्माण की तारीख को लेकर अटकलें लगाई जा रही थीं। जागरण ने पहले ही बताया था कि मकर संक्रांति के आसपास मंदिर निर्माण शुरू हो सकता है।

अब तक 100 करोड़ रुपये का मिला दान : श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को अब तक 100 करोड़ रुपये का दान मिला है। ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि दान को लेकर डाटा अभी मुख्यालयों तक नहीं पहुंचा है, लेकिन कार्यकर्ताओं से रिपोर्ट मिली है कि इस पवित्र कार्य के लिए 100 करोड़ रुपये जुटा लिए गए हैं। अयोध्या में भव्य राम मंदिर निर्माण के लिए ट्रस्ट ने 15 जनवरी से व्यापक जनसंपर्क अभियान शुरू किया है। यह अभियान 27 फरवरी तक चलेगा।


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