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Ayodhya Ram Mandir: फिर से तराशी जाएगी राममंदिर नींव की डिजाइन, पहली ड‍िजाइन में म‍िली कई खाम‍ियां

निर्माण से जुड़ी एजेंसी ने मंदिर निर्माण के नींव की पहली डिजाइन पेश की जो मंदिर निर्माण समिति के सदस्यों को रास नहीं आई। रामनगरी में दो दिन से चल रही बैठक में सदस्यों ने प्रथम दृष्‍ट्या नींव की डिजाइन में खामियां देखकर संशोधन का फैसला लिया

By Anurag GuptaEdited By: Published: Wed, 09 Dec 2020 06:05 AM (IST)Updated: Wed, 09 Dec 2020 08:13 AM (IST)
मंदिर निर्माण समिति को रास नहीं आई पहली डिजाइन। अब एलएंडटी और टाटा कंसल्टेंट इंजीनियर्स खींचेंगे खाका।

अयोध्या, [प्रवीण तिवारी]। प्रभुराम की जन्मभूमि पर बनने वाला मंदिर कालजयी हो, इसके लिए श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट नींव की मजबूती से कोई समझौता नहीं करना चाहता। इसके लिए उसने मंदिर निर्माण के लिए बनाई गई पहली डिजाइन में कई खामियां चिन्हित की हैं। इनको दूर कर नए सिरे राम मंदिर नींव की डिजाइन तैयार की जाएगी। 

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मंदिर की आयु हजार वर्ष से अधिक हो, इस दिशा में ट्रस्ट गंभीर है। निर्माण से जुड़ी एजेंसी ने मंदिर निर्माण के नींव की पहली डिजाइन पेश की जो मंदिर निर्माण समिति के सदस्यों को रास नहीं आई। रामनगरी में दो दिन से चल रही बैठक में सदस्यों ने प्रथम दृष्‍ट्या नींव की डिजाइन में खामियां देखकर संशोधन का फैसला लिया और नई डिजाइन तैयार करने का जिम्मा एलएंडटी, टाटा कंसल्टेंट इंजीनियर्स को दिया। दोनों ही संस्थाएं मिलकर नींव की नई डिजाइन तैयार करेंगी। इसमें करीब 20 दिन का वक्त लगने की संभावना है। नई डिजाइन तैयार होने के बाद आइआइटी गुवाहाटी, चेन्नई व दिल्ली के विज्ञानियों का दल इसकी समीक्षा करेगा। इनकी ओर से हरी झंडी मिलने के बाद ही मंदिर निर्माण समिति की बैठक में डिजाइन पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा। अगली बैठक अयोध्या में ही 15 दिसंबर को संभावित है। इसमें निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र सहित अन्य जिम्मेदार मौजूद रहेंगे। 

टेस्ट पाइलि‍ंग में आई थी समस्या

मंदिर के निर्माण के पहले 12 टेस्ट पाइलि‍ंग तैयार किए गए। इसकी टेस्टि‍ंंग के दौरान थोड़ी समस्या आई थी। जब पाइलि‍ंग पर दबाव डाला गया तो यह नीचे की ओर थोड़ा तिरछा हो गया। पिछले कुछ दिनों से इसको ही दुरुस्त करने की दिशा में कार्य किया जा रहा है। टेस्ट पाइलि‍ंग की जांच का कार्य आइआइटी चेन्नई के विज्ञानियों ने किया।  


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