विदेश में रहने वाले पेंशनर नहीं बनवा पा रहे जीवित प्रमाण पत्र
लखनऊ जेएनएन। केएन अरोरा राज्य सरकार के सेवानिवृत्त अधिकारी हैं। सेवाकाल पूरा होने के बाद से व
लखनऊ, जेएनएन। केएन अरोरा राज्य सरकार के सेवानिवृत्त अधिकारी हैं। सेवाकाल पूरा होने के बाद से वह बेटे के साथ शिकागो में रह रहे हैं। सब कुछ ठीक है, लेकिन कोरोना काल में वह खुद को जीवित साबित नहीं कर पा रहे हैं। वह हर दिन जवाहर भवन स्थित कोषागार में फोन कर पूछते हैं कि उनका जीवित प्रमाण पत्र कैसे बनेगा?
दरअसल, कोरोना संक्रमण के चलते शिकागो में भारतीय दूतावास में भी इस तरह के कार्य बंद हैं और कोषागार उन्हें तभी जीवित की श्रेणी में रखेगा, जब दूतावास प्रमाणित कर उनका जीवित प्रमाण पत्र भेजेगा। इसके बाद ही उनकी पेंशन आगे मिल पाएगी। अब अगर नवंबर के आखिरी तक जीवित प्रमाण पत्र नहीं मिलेगा तो पेंशन रोक दी जाएगी। अरोरा चाहते हैं कि वीडियो कॉलिंग से उनके जीवित होने का सत्यापन हो जाए, लेकिन नियम न होने के कारण यह संभव नहीं हो पा रहा।
यह सिर्फ केएन अरोरा का दर्द नहीं है, बल्कि राज्य सरकार की नौकरी से सेवानिवृत्त होने वाले ऑस्ट्रेलिया, सिंगापुर, कनाडा, अमेरिका समेत तमाम देशों में परिवारजन के साथ बसे करीब 400 पेंशनरों का है। कोरोना संक्रमण के कारण दूतावासों में इस तरह के कार्य बंद हैं। इससे ऐसे लोग अपना जीवित प्रमाण पत्र नहीं बनवा पा रहे हैं। यह प्रमाण पत्र दूतावास दफ्तर से जवाहर भवन कोषागार के साथ ही अन्य जिलों में जाता है, जहां से वह सेवानिवृत्त हुए थे। सालभर जमा होता है जीवित प्रमाण पत्र
आपका जीवित प्रमाण पत्र अगर नहीं बना है तो परेशान होने की जरूरत नहीं है। अब सालभर जीवित प्रमाण पत्र बनता है। आप जब भी यह प्रमाण पत्र बनाकर जमा करेंगे, आपकी रोकी गई पेंशन आपके खाते में भेज दी जाएगी। देश में रह रहे पेंशनरों के लिए पोर्टल ही सहारा
सेवानिवृत्त होने के बाद देश के किसी भी कोने में रह रहे राज्य सकार के पेंशनरों के लिए डिजिटल जीवित प्रमाण पत्र भेजने की व्यवस्था है। केंद्र सरकार के जीवित प्रमाण पत्र पोर्टल पर यह सुविधा ली जा सकती है। विदेश में रहने वालों को दूतावास से कराना पड़ता है सत्यापन जवाहर भवन के मुख्य कोषाधिकारी स्वतंत्र कुमार ने बताया कि राज्य सरकार के जो सेवानिवृत्त कर्मचारी विदेश में रह रहे हैं, उन्हें उस देश के भारतीय दूतावास से जीवित प्रमाण बनवाकर भेजना होता है। करीब 400 पेंशनर विदेश में रह रहे हैं। इनमें से 40 का जीवित प्रमाण पत्र आ गया है। नवंबर के आखिरी तक अगर प्रमाण पत्र नहीं आएगा तो पेंशन को रोक दी जाएगी। बाद में जब भी जीवित प्रमाण पत्र आएगा, पेंशन चालू कर दी जाएगी।