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पं. श्याम बिहारी मिश्र की अगुवाई में गढ़ा गया स्वर्णिम इतिहास, यूपी ने खाेया व्यापारी और संगठन को पहचान देने वाला

पुरानी यादें साझा करते हुए वह कहते हैं कि एक दौर था जब व्यापारियों को जमाखोर और मुनाफाखोर जैसे विशेषणों से नवाजा जाता था। लेकिन पंडित जी की अगु़वाई में दौर बदला। जिले-जिले दौरा कर व्यापारियों को जोड़ा गया।

By Rafiya NazEdited By: Published: Wed, 21 Apr 2021 07:00 AM (IST)Updated: Wed, 21 Apr 2021 08:58 AM (IST)
पं. श्याम बिहारी मिश्र की अगुवाई में गढ़ा गया स्वर्णिम इतिहास, यूपी ने खाेया व्यापारी और संगठन को पहचान देने वाला
उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल के पूर्व अध्यक्ष एवं पूर्व सांसद का निधन पं. श्याम बिहारी मिश्र का निधन।

 लखनऊ [नीरज मिश्र]। उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल के पूर्व अध्यक्ष एवं पूर्व सांसद पं. श्याम बिहारी मिश्र के निधन पर व्यापारी नेता बनवारी लाल कंछल अवाक रह गए। भावुक हुए कंछल कहते हैं कि इस शख्सियत ने व्यापार मंडल को नई पहचान दी। संगठन ने एक बड़ा मुकाम हासिल किया। पुरानी यादें साझा करते हुए वह कहते हैं कि एक दौर था जब व्यापारियों को जमाखोर और मुनाफाखोर जैसे विशेषणों से नवाजा जाता था। लेकिन पंडित जी की अगु़वाई में दौर बदला।

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जिले-जिले दौरा कर व्यापारियों को जोड़ा गया। इसके बाद व्यापार मंडल ने ऐसा माहौल गढ़ा जो संगठन के लिए किसी स्वर्णिम इतिहास से कम नहीं।वह बताते हैं कि उप्र. उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल की स्थापना 23, दिसंबर 1973 को काशी में हुई थी। पहले अध्यक्ष के रूप में गणेशगंज के लाला विशंभर दयाल अग्रवाल, महामंत्री वाराणसी के जगदीश अरोड़ा और वाराणसी के ही नरेंद्र अग्रवाल ने बतौर कोषाध्यक्ष संगठन में काम शुरू किया। हर तीन साल बाद चुनाव होते रहे। सन 1984 में श्याम बिहारी मिश्र ने बतौर अध्यक्ष जिम्मा संभाला। 2005 पांच तक वह संगठन के अध्यक्ष रहे। महामंत्री के रूप में मुझे जिम्मेदारी मिली। कोषाध्यक्ष का काम लक्ष्मी नारायण अग्रवाल के हाथ आया। उसके बाद शुरू हुआ न भूलने वाला वह संघर्ष जिसने व्यापार मंडल और व्यापारियों दोनों की स्थिति बदल कर रख दी। सरकारों के खिलाफ ताल ठोंकी गई। मुकदमें हुए, लाठियां खाईं और जेल गए। चुनाव हों, प्रशासनिक क्रियाकलाप या बडे़ सरकारी आयोजन अथवा कार्यक्रम, बिना व्यापारी नेताओं के पूरे नहीं होते थे। पंडितजी चार बार सांसद रहे। वर्ष 2005 के बाद  मामूली मतभेद के बाद हम लोग अलग हो गए लेकिन रिश्ते कायम रहे। अध्यक्ष और महामंत्री का पद संभालने के बाद मोतीलाल बोरा के साथ पुरानी तस्वीर साझा करते हुए वह मौन साध लेते हैं।

हर जिले एवं तहसीलों में गुरुवार को आयोजित की जाएंगी शोकसभाएं: उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल के अध्यक्ष बनवारी लाल कंछल ने बताया कि प्रदेश के हर जिलों एवं तहसीलों में 12 से एक बजे के बीच पंडित जी को याद कर शोकसभाएं आयोजित की जाएंगी।


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