लखनऊ में धोखाधड़ी के मामले में पूर्व विधायक ने किया आत्मसमर्पण, वारंट निरस्त; 12 वर्ष पहले दर्ज हुआ था मुकदमा
लखनऊ में पेट्रोल पंप व बिल्डिंग बेचने के एवज में लाखों लेकर बैनामा नहीं करने व रकम हड़प जाने के मामले में बुधवार को पूर्व विधायक प्रेम प्रकाश उर्फ जिप्पी तिवारी ने एमपी-एमएलए की विशेष अदालत में आत्मसमर्पण किया।
लखनऊ, जेएनएन। पेट्रोल पंप व बिल्डिंग बेचने के एवज में लाखों लेकर बैनामा नहीं करने व रकम हड़प जाने के मामले में बुधवार को पूर्व विधायक प्रेम प्रकाश उर्फ जिप्पी तिवारी ने एमपी-एमएलए की विशेष अदालत में आत्मसमर्पण किया। उन्होंने अपने खिलाफ जारी गैर जमानती वारंट रिकाल करने की गुहार लगाई। इसपर विशेष जज पवन कुमार राय ने वारंट रिकाल करते हुए आरोपित को 50 हजार के निजी मुचलके पर रिहा करने का आदेश दिया।
यह था मामला : 12 जनवरी, 2008 को इस मामले की एफआइआर डा. सुभाष चंद्र कुलश्रेष्ठ ने हजरतगंज कोतवाली में दर्ज कराई थी। आरोप है कि जिप्पी तिवारी ने उनसे डुमरियागंज स्थित अपना विजयी आटो मोबाइल पेट्रोल पंप मय भूमि, बिल्डिंग व सामान इत्यादि को 80 लाख रुपये में बेचना तय किया था। 29 सितंबर 2007 को उन्होंने इसके एवज में 30 लाख रुपये बतौर अग्रिम धनराशि ली थी, लेकिन रसीद मांगने पर कहा कि आठ-दस दिन में बैनामा कर दूंगा। बाद में आरोपित ने रुपये वापस करने से इंकार कर दिया और जान से मारने की धमकी भी दी।
पुलिस ने 11 दिसंबर 2008 को जिप्पी तिवारी के खिलाफ आइपीसी की धारा 406, 506, 419 व 420 के तहत आरोप पत्र दाखिल किया था। आरोपित के लगातार गैरहाजिर रहने पर अदालत ने जिप्पी तिवारी के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी करने का आदेश दिया था।