Lucknow Plot Scam: अधिकारों का गलत प्रयोग कर किया छोटे से बड़े भूखंड का समायोजन, जांच के घेरे में पूर्व LDA वीसी
पूर्व उपाध्यक्ष सत्येंद्र सिंह ने नियमों को दरकिनार करते हुए शारदा नगर स्थित आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के बदले पहले गोमती नगर विस्तार में साढ़े बारह सौ वर्ग फीट का भूखंड दिया लेकिन मिसिंग होने के कारण कार्नर का 3200 वर्ग फिट आवंटित करने की संस्तुति दे दी।
लखनऊ अंशू दीक्षित। लखनऊ विकास प्राधिकरण (लविप्रा) अपनी कार्यप्रणाली से हमेशा चर्चा में रहा है, इस बार जनता क्वार्टर 400 वर्ग फिट से 3200 वर्ग फिट देने का मामला सामने आया है। पूर्व उपाध्यक्ष सत्येंद्र सिंह ने नियमों को दरकिनार करते हुए शारदा नगर स्थित आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (इडब्ल्यूएस या जनता क्वार्टर) के बदले पहले गोमती नगर विस्तार में साढ़े बारह सौ वर्ग फीट का भूखंड दिया, लेकिन मिसिंग होने के कारण कार्नर का (3/512 विकल्प खंड) 3200 वर्ग फिट आवंटित करने की संस्तुति दे दी। यह भूखंड कार्नर होने के कारण 3500 वर्ग फिट का है। नियम के अनुसार पूर्व उपाध्यक्ष इडब्ल्यूएस से सिर्फ एक कैटेगरी ऊपर ही भूखंड उसी योजना में दे सकते थे, शारदा नगर में भूखंड उससे बड़ा उपलब्ध न होने पर दूसरी योजना में, लेकिन नियमों की अनदेखी करते हुए अधिकारों का गलत प्रयोग किया। अब लविप्रा उपाध्यक्ष अक्षय त्रिपाठी सभी पंद्रह भूखंड की जांच कराने जा रहे हैं।
लविप्रा में पूर्व उपाध्यक्षों ने अपने चहेतों को लाभ पहुंचाने के लिए कई बार अधिकारों का गलत प्रयोग किया। इससे प्राधिकरण को करोड़ों के राजस्व की हानि हुई। शारदा नगर के इडब्ल्यूएस के बदले 52 से 55 वर्ग मीटर का भूखंड दिया जाना चाहिए था। सूत्रों की माने तो फाइल योजना देख रहे बाबुओं के पास आज भी रखी है। पूर्व उपाध्यक्ष के हट जाने से अभी तक इस भूखंड की रजिस्ट्री नहीं हो सकी है। योजना देख रहे पूर्व कर्मचारियों ने पूरी फाइल बनवाकर रखी है, इंतजार है, ऐसे अफसर का जो अपनी कलम फंसाकर रजिस्ट्री कर सके ?
इन भूखंडों की सोमवार से जांच होगी शुरू: 3/512 विकल्प खंड, 3/508 विकल्प खंड, 4/80 विनीत खंड, 2/61 विभव खंड, 3/106 विभूति खंड, 3/43 विभूति खंड, 2/237ई विपुल खंड, 2/1बी विक्रांत खंड, 1/76 बी विनीत खंड, 6/24 ए एमआइजी, 4/80 विराम खंड, 1/10एच विकल्प खंड, 1/24ए विराम खंड फेस वन, 3/222 ए विनम्र खंड, 3/362 विकल्प खंड का भूखंड है।