बच्चों को सिखाई शिक्षा और संस्कार की बातें
शिक्षा और संस्कार बच्चों को बचपन से ही देने चाहिए तभी उनके सुनहरे भविष्य का निर्माण हो सक
शिक्षा और संस्कार बच्चों को बचपन से ही देने चाहिए, तभी उनके सुनहरे भविष्य का निर्माण हो सकेगा। इसी उद्देश्य से शहर के मलिन बस्ती सहित आसपास के गांवों में बच्चों को शिक्षा के प्रति जागरूक करने की मुहिम चलाई जा रही है। शुक्रवार को लखनऊ के निकट नगराम के गांव में बच्चों को शिक्षा के साथ ही डिजिटल दुनिया से रूबरू कराया गया।
लखनऊ विश्वविद्यालय मेधावी छात्र परिषद के पूर्व अध्यक्ष दुर्गेश कुमार त्रिपाठी ने बताया कि शिक्षा पर सबका अधिकार है, इसे जन-जन तक पहुंचाना ही मेरा उद्देश्य है। हमने लखनऊ के करीब पांच मलिन बस्ती के बच्चों को पढ़ाने की जिम्मेदारी ली है। शिक्षा से जुड़े सभी कार्य हम अपनी पॉकेट मनी से करते हैं। डिजिटल डिवाइस की दी जानकारी
दुर्गेश ने बताया कि लखनऊ से कुछ दूरी पर स्थित नगराम गांव वासियों को डिजिटल डिवाइस की जानकारी दी गई। इसका उपयोग कर वह कुटीर उद्योग कर सकते हैं। इस मौके पर दुर्गेश के साथ सुशील, रजत, शिवम, आशु प्रिय, कोमल, सुबोध, आकांक्षा, गीतांजली, रंजीता, सौरभ, सौम्या मौजूद रहे।
पुस्तक वितरण : बीकेटी के चंदनपुर गांव के बच्चों में करीब एक हजार पुस्तकों का वितरण किया गया। साथ ही ग्रामीण महिलाओं व युवाओं को रोजगारपरक जानकारी भी दी गई। विद्यालय की आचार्या पूनम बाजपेयी सहित अभिभावकों ने बच्चों को नियमित पढ़ाई के लिए प्रेरित करने का संकल्प लिया।