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Flood in Varanasi: गंगा नदी का जल स्तर खतरे के निशान से पार, CM के विशेष चौकसी के निर्देश

Flood in Varanasi पूर्वांचल इन दिनों नदियों में लगातार बढ़ते पानी के कारण बाढ़ की जद में है। वाराणसी में लगातार बढ़ रही गंगा नदी का जल स्तर बुधवार को खतरे के निशान को पार कर गया।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Wed, 18 Sep 2019 12:15 PM (IST)Updated: Wed, 18 Sep 2019 03:46 PM (IST)
Flood in Varanasi: गंगा नदी का जल स्तर खतरे के निशान से पार, CM के विशेष चौकसी के निर्देश
Flood in Varanasi: गंगा नदी का जल स्तर खतरे के निशान से पार, CM के विशेष चौकसी के निर्देश

लखनऊ, जेएनएन। Flood in Varanasi: पहाड़ों के साथ ही मध्य प्रदेश में बारिश के कारण उत्तर प्रदेश की नदियां कहर बरपा रही हैं। प्रदेश की हर बड़ी नदी उफान पर है। गंगा नदी के साथ ही यमुना व घाघरा में लगातार बढ़ते जल स्तर से वाराणसी, प्रयागराज व बलिया बाढ़ की चपेट में हैं। पूर्वांचल इन दिनों नदियों में लगातार बढ़ते पानी के कारण बाढ़ की जद में है।

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वाराणसी में लगातार बढ़ रही गंगा नदी का जल स्तर बुधवार को खतरे के निशान को पार कर गया। वाराणसी में बाढ़ से 53 गांव के अलावा कई कॉलोनियां और मोहल्ले प्रभावित हैं। लोग अपने-अपने घर को छोड़कर सुरक्षित ठिकाने पर जा रहे हैं। जिला प्रशासन भी लगातार इनकी देखभाल में लगा है।

गंगा नदी तो वाराणसी, गाजीपुर और बलिया जिले में खतरे का निशान पार कर चुकी है। नदियों के किनारे के क्षेत्रों में कहर बरपाती लहरें लगातार कटान कर रही हैं। इसके कारण सैकड़ों बीघा फसल पानी में समा गई है। वाराणसी में वरुणा नदी में भी उफान आने के बाद तटवर्ती इलाकों में सैकडों मकान पानी में डूब चुके हैं। वहीं, कई घरों में दुश्वारी बढ़ने के बाद लोग पलायन भी करने लगे हैं।

वाराणसी में गंगा की लहरों ने शहर में प्रवेश कर लिया तो गलियों में नाव चलने लगी। एनडीआरएफ की टीम लोगों को उनके घरों से सुरक्षित निकालने में लगी हुई है। वाराणसी में वर्ष 2013 के बाद यह पहला मौका है जब गंगा ने वाराणसी में खतरा बिंदु को पार कर लिया है।बुधवार की सुबह 11 बजे तक गंगा नदी खतरा बिंदु पार करने के बाद 71.45 मीटर तक पहुंच चुकी हैं। इस लिहाज से गंगा इस समय खतरे के निशान से 19 सेंटीमीटर ऊपर हैं और प्रति घंटे गंगा में बढ़ाव की गति एक सेंटीमीटर है। अगर अगले चौबीस घंटों तक यह गति जारी रही तो कई अन्य कॉलोनियों में भी गंगा का पानी भर जाएगा और स्थिति काफी भयावह हो जाएगी। खतरे का निशान 71.262 मीटर है।  गंगा खतरे के निशान को पार करके बह रही है। 1978 की बाढ़ में अधिकतम जलस्तर 73.901 मीटर रहा था।

बलिया सबसे अधिक प्रभावित

पूर्वांचल में सबसे बुरी स्थिति बलिया जिले की है जहां पर गंगा की लहरों ने पहले दुबे छपरा रिंग बांध पर तबाही मचायी और तटबंध टूटने के बाद सौ से अधिक गांव बाढ़ के पानी में फंस गए हैं। इसके अलावा भी रिंग बांध कई अन्य जगहों पर कटाव की जद में आ चुका है जिसकी वजह से प्रशासन ने गांवों में अलर्ट जारी किया है। सीएम योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को बलिया में बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों का दौरा करने के साथ ही हवाई सर्वेक्षण भी किया है। बाढ़ पीड़ितों को राहत सामग्री वितरित करने के साथ ही अधिकारियों को सभी को सुरक्षित रखने का निर्देश भी जारी किया था।

गाजीपुर में कई निचले इलाकों में बाढ़ की वजह से कई गांवों का संपर्क टूट चुका है और जिला प्रशासन बाढ़ प्रभावित इलाकों में राहत सामग्री भेजने के साथ ही प्रभावित लोगों को सुरक्षित उनके घरों से निकालने भी लगी है। मीरजापुर और भदोही में गंगा ने चेतावनी स्तर को पार कर लिया है और खतरे की ओर बढ़ रही है।

मध्य प्रदेश में भारी बरसात के बाद वहां की नदियां तबाही मचा रही हैं। चंबल सहित कई प्रमुख नदियों के बांध भारी बाढ़ के कारण खोलने पड़े तो वहां का पानी इटावा जिले में यमुना के रास्ते होते हुए प्रयागराज में गंगा में आ मिला। इसके बाद से आगे गंगा में आया यह जल सैलाब पूर्वांचल में तबाही मचाने लगा है।  

बाढ़ पर सीएम योगी आदित्यनाथ के विशेष चौकसी के निर्देश

वाराणसी और प्रयागराज में बाढ़ की स्थिति पर सीएम योगी आदित्यनाथ की नजर है। उन्होंने विशेष चौकसी का निर्देश दिया है। जिला के साथ ही शासन के अधिकारियों को उन्होंने हाई अलर्ट पर रखा है। उन्होंने कहा कि बाढ़ की स्थिति से निपटने के लिए प्रबंध सुनिश्चित करते हुए बाढ़ चौकियों को सक्रिय किया जाए। उन्होंने संबंधित मण्डलायुक्त और जिलाधिकारी सहित स्थानीय प्रशासन के अधिकारियों को बाढ़ के मद्देनजर सभी आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए हैं।

मुख्यमंत्री ने बाढ़ से जनहानि एवं पशु हानि को प्रत्येक दशा में रोकने के निर्देश देते हुए कहा कि बाढ़ प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थानों पर बाढ़ राहत शिविरों में पहुंचाया जाए। बाढ़ पीड़ितों को हर संभव राहत और मदद उपलब्ध करायी जाए। सिंचाई विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया है कि वे बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में बांधों की लगातार निगरानी करें। उन्होंने कहा कि बांधों का निरंतर निरीक्षण सुनिश्चित करें, ताकि किसी भी आपात स्थिति सें प्रभावी ढंग से निपटा जा सके।


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