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Flood in UP : उत्तर प्रदेश में बाढ़ की दुश्वारी, पूर्वांचल में नदियों का जलस्तर लगातार बढऩे से हालात में सुधार नहीं

पूर्वांचल में बाढ़ की स्थिति में कोई सुधार नहीं है। गाजीपुर में गंगा नदी खतरे निशान के करीब एक मीटर ऊपर बह रही है। जिससे करीब दो सौ गांव बाढ़ से प्रभावित हो गए हैं।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Thu, 19 Sep 2019 10:33 AM (IST)Updated: Thu, 19 Sep 2019 03:57 PM (IST)
Flood in UP : उत्तर प्रदेश में बाढ़ की दुश्वारी, पूर्वांचल में नदियों का जलस्तर लगातार बढऩे से हालात में सुधार नहीं
Flood in UP : उत्तर प्रदेश में बाढ़ की दुश्वारी, पूर्वांचल में नदियों का जलस्तर लगातार बढऩे से हालात में सुधार नहीं

लखनऊ, जेएनएन। उत्तर प्रदेश की नदियां के लगातार उफान पर रहने से पूर्वी उत्तर प्रदेश में हजारों गांव बाढ़ के पानी से घिर गए हैं। राहत और बचाव वाराणसी, बलिया, गाजीपुर के साथ प्रयागराज में एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और जल पुलिस की टीमें लगाई गई हैैं।

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पूर्वांचल में बाढ़ की स्थिति में कोई सुधार नहीं है। गाजीपुर में गंगा नदी खतरे निशान के करीब एक मीटर ऊपर बह रही है। जिससे करीब दो सौ गांव बाढ़ से प्रभावित हो गए हैं। बुधवार के बाद गुरुवार सुबह भी गंगा व सहायक नदियों में बढ़ाव जारी है। प्रयागराज व वाराणसी में गंगा नदी खतरे का निशान पार बह रही है। प्रयागराज में यमुना उफान पर है। इसके अलावा वरुणा, राप्ती, शारदा और घाघरा नदियों का पानी हजारों बस्तियों को चपेट में ले चुका है।

बलिया में 135 गांवों के लोग बाढ़ से प्रभावित हैं। गंगा प्रति घंटा आधा सेमी की रफ्तार से बढ़ रही है। बुधवार को गंगा जलस्तर 59.38 मीटर दर्ज किया गया। मीरजापुर में गंगा जलस्तर गुरुवार को खतरे का निशान पार हो सकता है। बढ़ाव दो सेंमी प्रति घंटा है जबकि 508 गांव प्रभावित हैं। गाजीपुर में बाढ़ से करीब 60 से अधिक गांव प्रभावित हैं। गंगा जलस्तर खतरे के निशान 63.105 से ऊपर 64.070 पर है। चंदौली में गंगा खतरे के निशान को पार कर गई है। कर्मनाशा, चन्द्रप्रभा और गड़ई भी उफान पर हैं।

भदोही में गंगा की बाढ़ से करीब 29 गांव बाढ़ से प्रभावित हैं। आजमगढ़ में घाघरा और जौनपुर में गोमती का पानी गांवों में घुस चुका है।

गंगा-यमुना उफनाई

राजस्थान और मध्य प्रदेश से छोड़े गए पानी से प्रयागराज में उफनाई यमुना बुधवार खतरे का निशान पार कर गईं। गंगा पहले ही निशान से ऊपर हैं। शहर और देहात के तीन लाख लोग प्रभावित हैैं। इन सभी जगह 40 हजार एकड़़ फसलें जलमग्न हैैं। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ व जल पुलिस की टीमें लगाई गई हैैं। सीतापुर में कई जगह शारदा कटाव जारी है। रेउसा क्षेत्र में घाघरा का पानी गांवों को घेर चुका है। फसलें जलमग्न हैं। बाराबंकी में घाघरा जलस्तर बढऩे से तटवर्ती गांवों को अलर्ट किया गया है। बलरामपुर में राप्ती की धारा बढ़ रही है।

कहर बनकर बह रहीं नदियां

इटावा में चंबल पिछले सभी रिकार्ड तोड़कर बुधवार सुबह 128.53 मीटर के स्तर पर आ गई। नदी का पानी 50 गांवों में भर गया है। हमीरपुर में यमुना व बेतवा तीन सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ रही हैं। जालौन-औरैया मार्ग बंद हो गया है। यहां बाढ़ में डूबी फसल देखकर 90 वर्षीय किसान की सदमे से मौत हो गई। बांदा में केन व यमुना का जलस्तर करीब डेढ़-डेढ़ मीटर और बढ़ गया। हालांकि खतरे के निशान से काफी नीचे है। यमुना खतरे के निशान से एक मीटर ऊपर बह रही है। चित्रकूट में यमुना की बाढ़ में 50 गांव घिर गए हैं। कानपुर देहात में दो दर्जन गांव बाढ़ की चपेट में हैं। औरैया के 12 गांवों में एनडीआरएफ के जवान लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने में लगे हैं।

युद्ध स्तर पर राहत कार्य का निर्देश

राहत आयुकत जीएस प्रियदर्शी ने जिलाधिकारियों को निर्देश दिया है कि बाढ़ की निगरानी और राहत कार्यों के लिए जिला मुख्यालय पर कंट्रोल रूम स्थापित किया जाए जो 24 घंटे काम करे। बाढ़ प्रभावित लोगों को राहत पहुंचाने की कार्यवाही युद्ध स्तर पर की जाए। राहत शिविरों में भोजन, स्वच्छ जल, दवाइयों, शौचालय आदि की समुचित व्यवस्था की जाए। आपदा से हताहत होने वाले लोगों या उनके आश्रितों को अधिकतम 12 घंटे के अंदर मुआवजे का भुगतान किया जाए। 


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