पहली बार UP की पांच सहकारी चीनी मिलों को राष्ट्रीय पुरस्कार, तीसरे वर्ष भी देश की सर्वोत्तम मिल बनी बिजनौर की स्नेहरोड
बिजनौर की स्नेहरोड लगातार तीसरे वर्ष भी देश की सर्वोत्तम मिल। पुवायां को अधिकतम चीनी रिकवरी व रमाला को पेराई में पुरस्कार। शाहजहांपुर की पुवाया मिल को अधिकतम चीनी रिकवरी लेने और बागपत की रमाला मिल को सर्वाधिक गन्ना पेराई करने पर दक्षता पुरस्कार के लिए चुना गया।
लखनऊ [राज्य ब्यूरो]। फिसड्डी मानी जाने वाली सहकारी क्षेत्र की चीनी मिलों में हुए गुणात्मक सुधार के चलते पहली बार पांच राष्ट्रीय पुरस्कार उप्र के हिस्से में आए हैं। बिजनौर जिले की किसान सहकारी चीनी मिल स्नेहरोड को लगातार तीसरे वर्ष भी देश की सर्वोत्तम सहकारी मिल के लिए चुना गया। वहीं शाहजहांपुर की पुवाया मिल को अधिकतम चीनी रिकवरी लेने और बागपत की रमाला मिल को सर्वाधिक गन्ना पेराई करने पर दक्षता पुरस्कार के लिए चुना गया।
गन्ना विकास मंत्री सुरेश राणा ने बताया कि गत चार वर्षों में प्रदेश में सहकारी क्षेत्र की 24 चीनी मिलों किए सुधारात्मक प्रयासों का परिणाम रहा कि घाटे का प्रतीक बनी मिलों की स्थिति तेजी से बदल रही है। पहली बार सहकारी मिलों की प्रतियोगिता में प्रदेश की पांच मिलें पुरस्कृत की गई हैं। राष्ट्रीय सहकारी शक्कर कारखाना संघ लिमिटेड नई दिल्ली द्वारा प्रति वर्ष राष्ट्रीय दक्षता पुरस्कार प्रदान किए जाते हैं, जिसमें देश की कुल 161 सहकारी मिलों को शामिल किया जाता है।
उन्होंने बताया कि प्रदेश की सहकारी मिलों की कार्यक्षमता में सुधार होने से जिन मिलों को राष्ट्रीय दक्षता पुरस्कार के लिए चयनित किया गया है, उसमें किसान सहकारी चीनी मिल पुवायां शाहजहांपुर को अधिकतम चीनी रिकवरी, सहकारी चीनी मिल तिलहर शाहजहांपुर को गन्ना विकास तथा चीनी मिल सठियांव आजमगढ़ को तकनीकी दक्षता क्षेत्र में चयनित किया गया है। इसी क्रम में बागपत जिले की रमाला मिल को सर्वाधिक गन्ना पेराई करने के लिए पुरस्कृत किया जाएगा।
गन्ना विकास विभाग के अपर मुख्य सचिव संजय आर भूसरेड्डी ने बताया कि सहकारी चीनी मिलों का उच्चीकरण कराने व तकनीकी तौर से मजबूत बनाने की दिशा में तेजी से कार्य किया जा रहा है। इसी कारण सहकारी मिलों की तस्वीर भी बदलती जा रही है। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय दक्षता पुरस्कार दिल्ली में प्रदान किए जाएंगे।