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लखनऊ में भूजल स्रोत से बनेंगे पांच अमृत सरोवर, टूर‍िस्‍ट प्‍लेस के रूप में व‍िकस‍ित होंगे यह क्षेत्र

लखनऊ में केंद्र सरकार की अमृत योजना से नगर निगम पांच सरोवरों को संवारेगा। इसमें सूख चुके सरोवर अब जलसंचयन का केंद्र बनेंगे। इन्‍हें पुनर्जीवित किया जाएगा। झील या तालाब में इलाके का पानी आ रहा है तो वहां पर एसटीपी (सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट) लगाया जाएगा।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Mon, 16 May 2022 07:58 AM (IST)Updated: Mon, 16 May 2022 07:58 AM (IST)
लखनऊ में भूजल स्रोत से बनेंगे पांच अमृत सरोवर, टूर‍िस्‍ट प्‍लेस के रूप में व‍िकस‍ित होंगे यह क्षेत्र
लखनऊ नगर निगम ने पांच झील और तालाब चिंहित किए।

लखनऊ, [अजय श्रीवास्तव]। कचरे से भरे और कहीं-कहीं सूख गए सरोवर अब जलसंचयन का केंद्र बनेंगे। सिल्ट निकालकर फिर से उन्हें पुनर्जीवित किया जाएगा। अगर किसी झील या तालाब में इलाके का पानी आ रहा है तो वहां पर एसटीपी (सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट) लगाया जाएगा।  केंद्र सरकार की अमृत योजना से नगर निगम पांच सरोवरों को संवारेगा। इन सरोवरों के आसपास लोग पिकनिक का भी आनंद लोग उठा सकेंगे।

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अभी तेलीबाग की हैवतमऊ मवैया झील को संवारा जा रहा है। सिल्ट निकालने के वहां कई अन्य कार्य होंगे। आसपास का पानी भी शोधन होकर ही झील में जा सकेगा। नगर आयुक्त अजय कुमार द्विवेदी का कहना है कि हैवतमऊ मवैया झील को अमृत योजना से मंजूरी मिल चुकी है। शेष चार तालाबों को अमृत योजना से मंजूरी दिलाने की कार्ययोजना तैयार हो रही है।

हैवतमऊ झील 

  • प्रथम फेज 5.05 हेक्टेयर झील का विकास 20.01 करोड़ की राशि से होगा
  • द्वितीय फेस में 2.50 हेक्टेयर क्षेत्रफल झील को 15 वें वित्त आयोग की 12 करोड़ की राशि से किया जाएगा।
  • एक एमएलडी का एसटीपी लगेगा -रेनवाटर हार्वेस्टिंग, वाटर फाउंटेन , फूड कोर्ट, सोलर पावर बैकअप, चिल्ड्रेन प्ले एरिया, पाथ-वे, बाउंड्री वाल, बेंच, टिकट काउंटर गार्ड रूम बनाया जाएगा। बैठने के लिए बेंच बनेंगी। सोलर लाइट पावर बैकअप सौ किलोवाट का होगा तो चार वाटर फाउंटेन लगेंगे

माडल के रूप में विकसित करें : नगर विकास मंत्री एके शर्मा ने हैवमतमऊ झील को अमृत सरोवर योजना में माडल के रूप में विकसित करने को कहा और प्रस्तावित विकास कार्यों को तेजी से निपटाने को कहा।

विवादों में रही है हैवतमऊ झील : हैवतमऊ मवैया झील को लेकर पिछले साल विवाद रहा है। झील की पटाई कराए जाने का विरोध हुआ था। दैनिक जागरण ने ही इसे मुद्दे को उठाया था लेकिन नगर निगम का दावा है कि पैमाइश के बाद झील की जमीन को अलग करके ही वहां काम हो रहा है। नगर आयुक्त अजय कुमार द्विवेदी का कहना है कि खसरा नंबर 1288, 1323 और 1542 में दर्ज 6.465 हेक्टेयर झील का भाग सुरक्षित है और वहां पर कोई निर्माण नहीं होगा। खसरा नंबर 1323 में नवीन परती (क्षेत्रफल 0.123 हेक्टेयर) और खसरा नंबर 1542 में बंजर भूमि में दर्ज (0.253 हेक्टेयर) जमीन पर ही निर्माण से जुड़े काम होंगे। 

यह भी होंगे अमृत सरोवर

  • मल्हौर रोड के पास का तालाब एक एकड़ क्षेत्रफल
  • औरंगाबाद खालसा तालाब दो एकत्र क्षेत्रफल
  • नेपालगंज तेलीबाग की झील डेढ़ एकत्र
  • कल्ली पश्चिम में पांच एकड़ क्षेत्रफल का तालाब

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