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सेल्समैन की हत्या का राजफाश, दुर्घटना का रूप देने का किया गया था प्रयास

बाराबंकी निवासी युवक का गोसाईंगंज क्षेत्र में मिला था शव। आरोपितों से कहासुनी के बाद की गई हत्‍या।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Mon, 12 Nov 2018 03:12 PM (IST)Updated: Tue, 13 Nov 2018 08:02 AM (IST)
सेल्समैन की हत्या का राजफाश, दुर्घटना का रूप देने का किया गया था प्रयास
सेल्समैन की हत्या का राजफाश, दुर्घटना का रूप देने का किया गया था प्रयास

लखनऊ, (जेएनएन)। बाराबंकी के सतरिख निवासी सेल्समैन बनवारीलाल रावत (35) की हत्या का राजफाश करते हुए पुलिस ने उनके करीबी साथी समेत पांच अभियुक्तों को गिरफ्तार किया है। परिवार की एक महिला से अवैध संबंध के विरोध पर बनवारी लाल की हत्या की गई थी। 

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एसएसपी कलानिधि नैथानी के मुताबिक पकड़े गए अभियुक्तों में बनवारी लाल का करीबी साथी बाराबंकी के सतरिख निवासी सुरेश रावत, मुलायम सिंह, अजय कुमार, ङ्क्षरकू यादव उर्फ अजय यादव व फूलचंद्र हैं। पुलिस ने घटना में प्रयुक्त टाटा जेस्ट कार भी बरामद कर ली है। एसओ गोसाईंगंज अजय प्रकाश त्रिपाठी के मुताबिक बनवारी लाल को शक था कि उसके परिवार की एक महिला के संबंध सुरेश से थे, जिसको लेकर उसका अक्सर महिला के साथ सुरेश से विवाद होता था। सुरेश ने अजय व फूलचंद्र समेत अन्य पकड़े गए हत्याभियुक्तों को बनवारी लाल की हत्या के लिए डेढ़ लाख की सुपारी दी थी। सुरेश सात नवंबर को बनवारी लाल को अपनी कार से तीरगांव स्थित देशी शराब के ठेके पर ले गया और शराब पिलाई। इसके बाद फतेहपुर के पास उसे जमकर पीटा और हत्या करके गाड़ी से धक्का देकर नीचे गिरा दिया। हत्या को दुर्घटना का रूप देने के लिए शव को घसीटकर खेत में डाल दिया और कार भी पलट दी। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में हत्या की पुष्टि होने के बाद पुलिस ने सभी हत्यारोपितों को पकड़ लिया। 

ये था मामला
सतरिख थाना क्षेत्र के बासूखेड़ा गांव में देशी शराब ठेके के सेल्समैन बनवारी लाल दीपावली की रात पड़ोसी सुरेश रावत की कार से गया था। उनका शव गोसाईगंज के फ तेहपुर गांव के पास खेत में पड़ा था। पास में कार भी पलटी पड़ी थी। पुलिस को शुरू से ही वारदात को अंजाम देने वाला कोई करीबी ही बताया जा रहा था। इतना ही नही खेत में शव को घसीटने के निशान भी मिले थे। 

हत्यारोपित ने परिवारीजनों से बताया कि बनवारी उसकी कार ले गया
एसओ गोसाईंगंज ने बताया कि घटना का मास्टरमाइंड सुरेश रावत ने पुलिस से बचने की भी पूरी योजना बना रखी थी। उसने बनवारी लाल के घरवालों को झूठी सूचना दी थी कि वह उनकी कार लेकर गया है, जबकि सुरेश अपनी कार से बनवारी को स्वयं ले गया था। उसके पकड़े जाने के बाद इस बात का भी खुलासा हो गया। 


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