अब एक छत के नीचे होगा हर तरह के कैंसर का इलाज, यहां पीडि़तों को मिलेगी राहत
सितंबर में फिलहाल 60 बेड के साथ शुरू होगा देश का पहला कैंसर संस्थान। कैंसर के मरीजों को इलाज के लिए दिल्ली-मुंबई नहीं जाना पड़ेगा।
लखनऊ [कुमार संजय]। अब जल्द ही प्रदेश के 60 फीसद कैंसर के मरीजों को इलाज के लिए दिल्ली-मुंबई नहीं जाना पड़ेगा। लखनऊ में देश का पहला ऐसा कैंसर संस्थान शुरू होने की तैयारी में है। यहां एक छत के नीचे सभी अंगों के कैंसर का इलाज संभव होगा। दरअसल, कैंसर के इलाज के लिए लखनऊ में फिलहाल जितने भी सेंटर है कहीं पर भी कंप्लीट इलाज की सुविधा नहीं है। कहीं रेडियोथिरेपी है तो कहीं कीमोथिरेपी की सुविधा है। जहां दोनों हैं, वहां उस अंग के सर्जन नहीं है।
चक गजरिया में मूर्त रूप ले रहा सुपर स्पेशियलिटी कैंसर संस्थान का लक्ष्य तो 1250 बेड का है लेकिन संस्थान के निदेशक प्रो.शालीन कुमार और मुख्य चिकित्सा अधीक्षक प्रो.राजेश हर्षवर्धन पहले चरण में 750 बेड को क्रियाशील करने का लक्ष्य लेकरचल रहे हैं। दो साल पहले ओपीडी के साथ संस्थान शुरू करने की कवायद हुई लेकिन यह विफल हो गई। वजह यह रही कि जल्दबाजी में ओपीडी शुरू कराने का निर्णय तो ले लिया गया पर यह मुमकिन नहीं था। चूंकि केवल ओपीडी चलाने से कैंसर मरीजों का इलाज संभव नहीं है। मरीज को जब तक भर्ती कर कंप्लीट इलाज न किया जाए तब तक कोई फायदा नहीं है। संस्थान प्रशासन का कहना है कि 30 सितंबर तक 60 बेड केसाथ संस्थान शुरू करने के लक्ष्य पर तेजी से काम हो रहा है। संकाय सदस्यों के साथ पैरामेडिकल स्टाफ की व्यवस्था की जा रही है। इसके बाद दिसंबर 2020 तक 750 बेड का अस्पताल पूरी तरह से शुरू हो जाएगा।
कैंसर के केवल 40 फीसद मरीजों को मिल पा रहा है इलाज
प्रो.राजेश के मुताबिक, हर चार मौत में से एक व्यक्ति की मौत का कारण कैंसर होता है। पुरुषों में फेफड़े और मुंह जबकि महिलाओं में स्तन व सर्विक्स कैंसर मृत्यु का बड़ा कारण है। इसके अलावा पेट, ब्रेन, हड्डी, रक्त कैंसर भी बड़े कारण हैं। कैंसर के इलाज के जितने मरीज प्रदेश में है उनमें से केवल 40 फीसद मरीजों को प्रदेश में इलाज मिल पाता है। वहीं 60 फीसद मरीज इलाज के लिए बाहर का रुख करते हैं। पहले से ही बीमारी से त्रस्त मरीज व तीमारदारों को इससे जबर्दस्त परेशानी होती है। यही वजह है कि हमारी कोशिश है कि संस्थान में हर अंग के कैंसर के इलाज की सुविधा उपलब्ध हो।
प्रिवेंटिव आंकोलॉजी पर होगा फोकस
कीमोथिरेपी, रेडियोथिरेपी, आंको सर्जरी, पैलिएटिव केयर इलाज के मुख्य भाग है, लेकिन प्रिवेंटिव आंकोलॉजी भी बड़ा काम है जिसे संस्थान में शुरू किया जाएगा। इस तरह इलाज की हर तरह की सुविधा देश के किसी भी अस्पताल में नहीं है।
इन कैंसर का संभव होगा इलाज
ब्रेन ट्यूमर, पेट, हड्डी, महिला जननांग कैंसर, ब्लड कैंसर, यूरोलॉजिकल कैंसर, हड्डी कैंसर, मुंह और गला कैंसर, स्तन कैंसर, लंग कैंसर सहित अन्य।
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