उत्तर प्रदेश के 12 शहरों में प्रतिबंध के बाद भी खूब बिके और इस्तेमाल किए गए पटाखे, 61 मुकदमे दर्ज
एनजीटी के आदेश के बाद यूपी सरकार ने जिन जिलों में पटाखा की बिक्री और इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाया था वहां चोरी-छिपे पटाखे बेचे गए और खूब इस्तेमाल भी किए गए। पुलिस ने प्रतिबंध में शामिल जिलों में पटाखों को लेकर निर्देशों का उल्लंघन करने पर 61 मुकदमे दर्ज किए।
लखनऊ [राज्य ब्यूरो]। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के आदेश के बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य के जिन जिलों में पटाखा की बिक्री और इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाया था, वहां चोरी-छिपे पटाखे बेचे गए और खूब इस्तेमाल भी किए गए। पुलिस ने प्रतिबंध में शामिल 12 शहरों में पटाखों को लेकर सरकार के निर्देशों का उल्लंघन करने के मामले में 61 मुकदमे दर्ज किए हैं।
पुलिस ने अवैध ढंग से पटाखा बेचने वालों के विरुद्ध विधिक कार्रवाई की है। डीजीपी के पीआरओ एएसपी अभयनाथ त्रिपाठी के अनुसार पटाखे की बिक्री व इस्तेमाल पर लगे प्रतिबंध के उल्लंघन के मामले में पुलिस कमिश्नरेट लखनऊ में दो, बागपत में छह, मुजफ्फरनगर में 17, वाराणसी में दो, पुलिस कमिश्नरेट गौतमबुद्धनगर (नोएडा व ग्रेटर नोएडा) में छह, हापुड़ में सात, बुलंदशहर में 11 व मेरठ में 10 मुकदमे दर्ज किए गए हैं।
मुरादाबाद व आगरा में एक भी मुकदमा दर्ज नहीं हुआ, जबकि कानपुर व गाजियाबाद से अभी कार्रवाई का ब्योरा नहीं आ सका है। उन्होंने बताया कि पुलिस ने अवैध ढंग से पटाखों की बिक्री व भंडारण करने वालों के विरुद्ध एफआइआर दर्ज की हैं।
उल्लेखनीय है कि शासन ने एनजीटी के आदेश पर सूबे में लखनऊ, कानपुर, मुजफ्फरनगर, आगरा, वाराणसी, मेरठ, हापुड़, गाजियाबाद, मुरादाबाद, गौतमबुद्धनगर (नोएडा व ग्रेटर नोएडा), बागपत व बुलंदशहर में वायु प्रदूषण के खराब स्तर को देखते हुए 30 नवंबर तक आतिशबाजी की बिक्री व इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाया है। इन जिलों में डिजिटल, लेजर व अन्य आधुनिक तकनीक का प्रयोग कर दीपावली मनाने को कहा गया था। प्रतिबंध के बाद भी दीपावली के मौके पर पटाखों का खूब इस्तेमाल हुआ।