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संवादी 2018 LIVE : राम मंदिर मुद्दे पर फरंगी महली बोले, सुप्रीम कोर्ट के फैसले को आंख मूंद कर मानेंगे

संवादी 2018 के तीसरे सत्र इस्लाम का द्वंद्व में मौलाना सैयद कल्बे जवाद नकवी और मौलाना खालिद रशिद फरंगी महली ने विचार व्यक्त किए।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Sun, 02 Dec 2018 03:06 PM (IST)Updated: Sun, 02 Dec 2018 03:06 PM (IST)
संवादी 2018 LIVE : राम मंदिर मुद्दे पर फरंगी महली बोले, सुप्रीम कोर्ट के फैसले को आंख मूंद कर मानेंगे
संवादी 2018 LIVE : राम मंदिर मुद्दे पर फरंगी महली बोले, सुप्रीम कोर्ट के फैसले को आंख मूंद कर मानेंगे

लखनऊ, जेएनएन।  मौलाना सैयद कल्बे जवाद नकवी ने कहा कि इस्लाम में कोई द्वंद नहीं बस आपसी गलतफमियां हैं। सुन्नी में सूरज डूबने पर रात होती है। शिया कहते हैं कि आठ मिनट तक रात नहीं होती है। बस प्रस्तुतिकरण में इतना अंतर है। वहीं, मौलाना खालिद रशिद फरंगी महली राम मंदिर मुद्दे पर बोले, हम राम की इमाम-ए-हिंद हैं ...यह शायर अल्लामा इक़बाल ने कहा था। हम सबकी इज्जत करते थे। कोई मुसलमान राम मंदिर की तामीर के खिलाफ नहीं है, मगर मुसलमान के जज्बात है। हम सुप्रीम कोर्ट की बात को आंख मूंद कर मानेंगे। मौका था,  दैनिक जागरण के संवादी 2018 के तीसरे सत्र का। इस दौरान  मौलाना सैयद कल्बे जवाद नकवी और मौलाना खालिद रशिद फरंगी महली ने 'इस्लाम का द्वंद्व' विषय पर चर्चा करते हुए अपने विचार व्यक्त किए। सवाल-जवाबों के बीच जब राम मंदिर का मुद्दा उठा तो माहौल कुछ गर्म होता दिखाई दिया।   

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जेहाद को क्या बना दिया ? 

इसपर मौलाना खालिद रशिद फरंगी महली ने कहा कि जिहाद का मतलब कत्ल करना नहीं है। केवल नेकी की और तालीम की कोशिश जिहाद है। 20 करोड़ लोग ऐसे हैं जो रात की रोटी बिना खाए ही सो जाते हैं। उलमा ने अंग्रेजों के समय जिहाद के फतवे का एलान किया था। उस दौरान मुसलमान शहीद हुए थे। वहीं, कल्बे जव्वाद ने कहा कि जिहाद के मायने कत्ल करना नहीं है। जिहाद का मतकब अच्छाई के लिए अपनी पूरी ताकत लगा देना है। अंधेरे में चराग जला देना भी जिहाद है। एक मजदूर जो मजदूरी कर रहा है वह भी जिहाद कर रहा है। खून बहा देना जिहाद नहीं है। दहशतगर्दों को जेहादी नहीं कहा जा सकता है। पूरी कुरान में कत्ल करना नहीं लिखा है। कुरान को पढ़ लीजिए उसमें लिखा है कि अटैक हो तो डिफेंस करो। जो जिहाद का नाम लेते हैं वह दहशतगर्द हैं। यह दूसरे मुल्क से सीख कर आते हैं। मौलाना फरंगी महली ने कहा कि रूस की जंग में तालिबान को आगे किया गया है। इस्लाम के लिहाज से देखे तो मजहबी इदारों ने हिंसा और आतंकवाद के खिलाफ फतवे दिया है। इस्लाम को समझने के लिए उसके मुख्य सूत्र को समझना होगा। 

25 साल पहले केवल शिया टारगेट थे

कल्बे जव्वाद ने कहा कि दहशतगर्दी इस्लाम से क्यों जोड़ा गया? इसपर कल्बे जव्वाद ने कहा कि शुरुआत में गलती यह हुई कि 25 साल पहले केवल शिया टारगेट थे। फिर सुफियाओ को मारना शुरू किया। अब सब जगह आग फैल गयी है। इसलिए इसे बचना चाहिए। उस वक्त सारे मुसलमान एक साथ खड़े नहीं हुए।

राम मंदिर मुद्दे पर कहा बोले 

मौलाना खालिद रशिद फरंगी महली ने राम मंदिर मुद्दे पर कहा कि हम राम की इमाम-ए-हिंद हैं ...यह शायर अल्लामा इक़बाल ने कहा था। हम सबकी इज्जत करते थे। कोई मुसलमान राम मंदिर की तामीर के खिलाफ नहीं है, मगर मुसलमान के जज्बात है। हम सुप्रीम कोर्ट की बात को आंख मूंद कर मानेंगे।


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