Move to Jagran APP

Mukhtar Ansari Ambulance Case: अस्पताल संचालिका डॉ अलका राय पर बाराबंकी में FIR

सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी पंकज सिंह ने अस्पताल की संचालिका डॉ अलका राय के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है। इसमें उन्होंने बताया है कि 21 दिसंंबर 2013 को इसका पंजीकरण डॉ अलका राय निवासी 56 रफीनगर के पते पर तत्कालीन पंजीयन अधिकारी ने किया था।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Fri, 02 Apr 2021 11:58 AM (IST)Updated: Sat, 03 Apr 2021 07:30 AM (IST)
Mukhtar Ansari Ambulance Case: अस्पताल संचालिका डॉ अलका राय पर बाराबंकी में FIR
एआरटीओ ने नगर कोतवाली में कराया मुकदमा, फर्जी और जालसाजी कर निर्वाचन कार्ड बनवाकर प्रस्तुत करने का है आरोप।

बाराबंकी, जेएनएन। पंजाब में कुख्यात मुख्तार अंसारी की कोर्ट में पेशी के दौरान चर्चा में आई यूपी के बाराबंकी के नम्बर की एम्बुलेंस के रहस्यों से प्रशासन ने पर्दा उठाना शुरू कर दिया है। गुरुवार देर रात सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी पंकज सिंह ने अस्पताल की संचालिका डॉ अलका राय के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है। इसमें उन्होंने बताया है कि 21 दिसंंबर 2013 को इसका पंजीकरण डॉ अलका राय निवासी 56, रफीनगर के पते पर तत्कालीन पंजीयन अधिकारी ने किया था। इसका संचालन श्याम संजीवनी हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर, जीटी मऊ 2/5101 से किए जाने का प्रपत्र भी प्रस्तुत किया गया था।

loksabha election banner

एक अप्रैल को एम्बुलेंस का संचालन बिना फिटनेस वैधता और इंश्योरेन्स के किए जाने की जानकारी मिली। उन्होंने इस संबंध में एक अप्रैल को एसडीएम नवाबगंज का पत्र मिलने की बात कही है, जिसमें पंजीयन के वक्त प्रस्तुत निर्वाचन कार्ड फर्जी और जालसाजी कर बनाए जाने की आशंका जताई गई है। अंकित पते के स्थलीय सत्यापन में रफीनगर मरण 56 नम्बर का कोई मकान ही नहीं मिला, जबकि अभयनगर में इस नम्बर के मकान में एक परिवार के वर्षों से रहने की पुष्टि हुई। क्षेत्रीय सभासद और अन्य स्थानीय लोगों ने भी अस्पताल या डॉ अलका राय के यहां निवास करने की पुष्टि अपने बयान में नहीं की है।

नोटिस देकर भूल गया विभाग : पंजाब की रोपड़ जेल से मोहाली कोर्ट में मुख्तार अंसारी को जिस एंबुलेंस से लाया गया वह बाराबंकी सहायक संभागीय परिवहन कार्यालय (एआरटीओ) में पंजीकृत है। चर्चा में बनी यूपी 41 एटी 7171 एंबुलेंस का 21 दिसंबर 2013 को श्याम संजीवनी हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर के नाम पर पंजीकरण कराया गया था। इसकी फिटनेस वैधता 31 जनवरी, 2017 को और इंश्योरेंस दस जनवरी 2017 को समाप्त हो चुका है। 23 जनवरी 2020 को संभागीय परिवहन अधिकारी कार्यालय से (जिस पते पर एम्बुलेंस का पंजीयन कराया गया था) नोटिस भेजे जाने की बात कही जा रही है। हैरत की बात है कि नोटिस दिए जाने के विभाग ने इस पर कोई कार्रवाई करने की जरूरत नहीं समझी। आखिरी बार इस एंबुलेंस को जनवरी 2016 में एआरटीओ आफिस फिटनेस के लिए लाया गया था। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.