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वेल्थ मंत्रा इंफ्राकॉन के निदेशक समेत पांच पर ठगी का मुकदमा, दुकान दिलाने के नाम पर हड़पे रुपये

अंसल द्वारा दुकानों बुकिंग का भुगतान वेल्थ मंत्रा इंफ्राकॉन कंपनी के खाते में करने को कहा गया। इसके बाद दो करोड़ रुपये का भुगतान किया गया। तय समय बीतने के बाद भी अबतक दुकानें नहीं दी गई। इस संबंध में कंपनी से संपर्क किया गया तो टाल मटोल करने लगे।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Sat, 16 Jan 2021 12:17 PM (IST)Updated: Sat, 16 Jan 2021 12:17 PM (IST)
वेल्थ मंत्रा इंफ्राकॉन के निदेशक समेत पांच पर ठगी का मुकदमा, दुकान दिलाने के नाम पर हड़पे रुपये
बेन डिस्टीब्यूटर के खिलाफ 46 लाख की ठगी का मुकदमा दर्ज।

लखनऊ, जेएनएन। गोखले मार्ग स्थित गुलमोहर कॉलोनी निवासी व्यवसायी नितिन चावला ने वेल्थ मंत्रा इंफ्राकॉन प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के निदेशक समेत पांच लोगों पर दो करोड़ रुपये की ठगी का आरोप लगाते हुए गोमतीनगर थाने में मुकदमा दर्ज कराया है। आरोप है कि निदेशक ने अंसल सुशांत गोल्फ सिटी में नौ दुकानों की बुकिंग करके दो करोड़ रुपये ऐठ लिए। इसके बाद दुकानें भी नहीं दी।

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इंस्पेक्टर विभूतिखंड ने बताया कि नितिन चावला के मुताबिक वर्ष 2013 में उन्होंने वेल्थ मंत्रा इंफ्राकॉन कंपनी के निदेशक संजीव अग्र्रवाल उनकी पत्नी सुनीता अग्र्रवाल से मिलकर अंसल में दुकानों की बुकिंग की बात की। इसके बाद इसके बाद उन्होंने अंसल प्रापर्टीज एंड इंफ्रास्ट्रक्चर से संपर्क कराया। इसके बाद नौ दुकानों की बुकिंग हो गई। अंसल द्वारा दुकानों बुकिंग का भुगतान वेल्थ मंत्रा इंफ्राकॉन कंपनी के खाते में करने को कहा गया। इसके बाद दो करोड़ रुपये का भुगतान किया गया। तय समय बीतने के बाद भी अबतक दुकानें नहीं दी गई। इस संबंध में कंपनी से संपर्क किया गया तो वह टाल मटोल करने लगे। दबाव बनाने पर निदेशकों ने धमकी दी। मामले की जानकारी विभूतिखंड थाने में दी गई तो पुलिस ने टरका दिया। इसके बाद कंपनी के निदेशक संजीव अग्र्रवाल उनकी पत्नी सुनीता अग्र्रवाल, रोहित अग्र्रवाल, सेक्रेट्री अमित गुप्ता और प्रदीप राय के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया।

रकम दोगुना करने का झांसा देकर ठगे 46 लाख

कानपुर रोड एलडी कॉलोनी निवासी विकास चौबे ने सरोजनीनगर थाने में लालबाग स्थित बेन डिस्टीब्यूटर के खिलाफ 46 लाख की ठगी का मुकदमा दर्ज कराया है। विकास के मुताबिक कंपनी के निदेशकों ने निवेश करने के लिए कहा और एक साल में दोगुना रुपये देने का दावा किया था। दो माह तक तो कंपनी के लोगों ने रुपये दिए उसके बाद नहीं। फिर फोन रिसीव करना बंद कर दिया। कंपनी के दफ्तर पहुंचे तो ताला लगा मिला। इसके बाद कंपनी के निदेशक एमके मिश्रा, विकास शर्मा और राहुल शर्मा के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया। 


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