लखनऊ में कोरोना के नाम पर धन उगाही करने वाले अस्पतालों पर एफआइआर तो हुई पर कार्रवाई नहीं
राजधानी लखनऊ में कोरोना का इलाज के नाम पर लूट खसोट करने वाले अस्पताल संचालकों के खिलाफ अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। जांच के बाद यह एफआइआर जांच के बाद हुई थी। बावजूद इसके पुलिस ने किसी को अभी तक गिरफ्तार नहीं किया है।
लखनऊ, जेएनएन। कोरोना का इलाज के नाम पर लूट खसोट करने वाले अस्पताल संचालकों के खिलाफ अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। खास बात यह है कि जांच के बाद यह एफआइआर जांच के बाद हुई थी। बावजूद इसके पुलिस ने किसी को अभी तक गिरफ्तार नहीं किया है।
पुलिस नेदेविना, मैक्वेल, मेयो, श्री साईं और जेपी अस्पताल समेत अन्य के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की थी। प्रभारी अधिकारी रोशन जैकब ने अस्पतालों में जाकर जांच कीथी, जिसके बाद वसूली के आरोप सही पाए गए थे। इसके बाद देविना, मैक्वेल और जेपी अस्पताल के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करने के निर्देश दिए गए थे। बाद में प्रभारी अधिकारी ने सीएमओ को नोटिस भेजकर रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए कहा था। गंभीर मामले में भी पुलिस ने अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की है। इंस्पेक्टर जानकीपुरम का कहना है कि उन्हें इस प्रकरण की जानकारी नहीं है। इंस्पेक्टर एक सप्ताह पहले ही जानकीपुरम थाने के प्रभारी बनाए गए हैं। उन्होंने इस सम्बंध में जानकारी कर के रिपोर्ट तैयार करने की बात कही है। गोमतीनगर, गाजीपुर व पीजीआई पुलिस ने भी कोई कार्रवाई नहीं की है। मैक्वेल अस्पताल पर डिस्चार्ज समरी, दवाओं के बिल व अन्य कागजात व्यवस्थित रूप से नहीं मिलने व मरीजों से अधिक वसूली का आरोप है। वहीं, देविना, मेयो, जेपी व अन्य अस्पतालों पर भी वसूली के आरोप हैं।
कोरोना के 57 नए मरीज, सात ने तोड़ा दम
205 मरीज स्वस्थ हुएजागरण संवाददाता,लखनऊ बीते 24 घंटे में 57 नए लोगों में कोरोना की पुष्टि हुई है। सात मरीजों ने इलाज के दौरान दम तोड़ा दिया। इन मरीजों का इलाज राजधानी के विभिन्न कोविड अस्पतालों में चल रहा था।राहत की बात यह है कि संक्रमितों से तीन गुना से ज्यादा 205 मरीज स्वस्थ हुए। ठीक होने वाले 92 प्रतिशत मरीज होम आइसोलेशन में थे। मौजूदा समय में सक्रिय मरीजों की संख्या घटकर 1121 है।