युवती को जानकारी ही नहीं, खाते से हो रहा लाखों का ट्रांजेक्शन; लखनऊ में एफआइआर दर्ज
रकाबगंज में रहने वाले एक व्यक्ति सरकारी विभाग में चालक हैं। उन्होंने बताया कि बेटी का वजीरगंज क्षेत्र स्थित स्टेट बैंक आफ इंडिया में खाता है। बीती 24 अक्टूबर से एक नवंबर के बीच अज्ञात व्यक्ति ने उसके खाते में दो लाख से अधिक रुपये जमा किए और निकाल लिए।
लखनऊ, जागरण संवाददाता। रकाबगंज इलाके में रहने वाली एक युवती के बैंक खाते से बीते एक माह से ट्रांजेक्शन हो रहा था। एक हफ्ते में दो लाख से अधिक रुपये किसी ने जमा किए और निकाल लिए। इसकी जानकारी उसे बीते दिनों बैंक से फोन आने पर हुई। इसके बाद युवती के पिता ने वजीरगंज थाने में मुकदमा दर्ज कराया। रकाबगंज में रहने वाले एक व्यक्ति सरकारी विभाग में चालक हैं। उनकी बेटी कानपुर स्थित एक निजी कंपनी में नौकरी करती है। उन्होंने बताया कि बेटी का वजीरगंज क्षेत्र स्थित स्टेट बैंक आफ इंडिया में खाता है। बीती 24 अक्टूबर से एक नवंबर के बीच अज्ञात व्यक्ति ने उसके खाते में दो लाख से अधिक रुपये जमा किए और फिर निकाल भी लिए।
दो नवंबर को बैंक मैनेजर का फोन आया कि आपके खाते में प्रतिदिन 35 से 40 हजार का ट्रांजेक्शन हो रहा है। यह सुनकर बेटी अवाक रह गई। बैंक शाखा में जाकर स्टेटमेंट देखा। पता चला कि खाते में नेट बैकिंग से ट्रांजेक्शन हुआ है। जिन्होंने ट्रांजेक्शन किया है उनके चार मोबाइल नंबर भी हैं। जिसमें से एक पर बात की गई। फोन रिसीव करने वाले सुशील मिश्रा ने कहा कि वह खाताधारक का पति है। इसके बाद उसने फोन काट दिया। उन्होंने बताया कि जबकि बेटी अविवाहित है। आनन-फानन वजीरगंज कोतवाली में शिकायत दर्ज कराई गई। इंस्पेक्टर प्रदीप कुमार सिंह ने बताया कि मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।
कोलकाता, मुंबई, बिहार और दिल्ली से हुआ ट्रांजेक्शन : युवती ने बताया कि जो मोबाइल नंबर उसके स्टेटमेंट में दिख रहे हैं, उनके बारे में पड़ताल की गई तो पता चला कि कोलकाता, मुंबई, दिल्ली और बिहार के हैं। यहां के लोगों ने रुपये जमा करके निकाले हैं। युवती के अनुसार वह इन लोगों को नहीं जानती।
क्या कहते हैं साइबर एक्सपर्ट : साइबर क्राइम सेल के एक्सपर्ट फिरोज बदर ने बताया कि आशंका है कि जालसाजों ने ओटीपी (वन टाइम पासवर्ड) और एटीएम कार्ड का नंबर लेकर यूपीआइ (यूनीफाइड पेमेंट इंटरफेस) अकाउंट बना लिया और खाता संचालित कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि अगर किसी व्यक्ति को एक बार आपका ओटीपी और एटीएम कार्ड पर दर्ज 16 अंको वाला नबर मिल गया तो वह यूपीआइ अकाउंट बना सकता है। यह अकाउंट बनते ही वह व्यक्ति आपका खाता आपरेट करने लगेगा। इसकी जानकारी आपको नहीं होगी। इसके अलावा अगर किसी व्यक्ति को आपके इंटरनेट बैंकिंग का लागइन पासवर्ड के साथ ही उसे एक बार का ओटीपी मिल गया तब भी वह आपका खाता संचालित कर सकता है। उक्त प्रकरण में भी ऐसा ही होने की संभावना है। साइबर एक्सपर्ट ने बताया कि शिकायत मिलते ही मामले की जांच की जाएगी।